हाल ही में NASA के वैज्ञानिकों ने एक अद्वितीय और खतरनाक 'बाहरी चंद्रमा' की खोज की है, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह किसी नरक से कम नहीं है. यह चंद्रमा असाधारण है क्योंकि इसकी सतह पर लावा बह रहा है, जिससे जहरीली गैसों के फव्वारे उठ रहे हैं. इसके साथ ही, यह चंद्रमा अपने आसपास लगातार कड़कती हुई बिजलियां पैदा कर रहा है. यह चंद्रमा, जो पहला आधिकारिक एक्सोमून हो सकता है, अपनी अंतिम अवस्था में है और जल्द ही खत्म हो जाएगा.
रहस्यमय चंद्रमा की खोज
यह चंद्रमा 'WASP-49b' नाम का एक ग्रह का उपग्रह है, जो अपने आप में एक अलग एलियन दुनिया है. WASP-49b एक 'एग्जोप्लैनेट' है, जो हमारे सौर मंडल के बाहर स्थित है. यह ग्रह अपने तारे के बेहद करीब है और यह तारा भी अत्यधिक गर्म है. इस वजह से, चंद्रमा को दोनों ओर से तीव्र गर्मी मिल रही है, जिससे इसकी सतह पर लगातार लावा बह रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस चंद्रमा का जन्म धातु के बादल के रूप में हुआ था, लेकिन अब यह तेजी से नष्ट होने की प्रक्रिया में है.
धरती से करीब '635 प्रकाश वर्ष' दूर
WASP-49b ग्रह खुद से तीन गुना छोटा और धरती से करीब '635 प्रकाश वर्ष' दूर स्थित है. यह ग्रह 2012 में खोजा गया था और यह अपने तारे का चक्कर मात्र '2.8 दिन' में पूरा कर लेता है. ग्रह का तापमान लगभग '1100 डिग्री सेल्सियस' तक पहुंचता है, जो इसे एक बेहद गर्म और उग्र ग्रह बनाता है. इस ग्रह और उसके चंद्रमा के चारों ओर की घटनाएं न केवल अद्भुत हैं, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी बेहद रोमांचक हैं.
चंद्रमा का लावा और सोडियम का रहस्य
यह चंद्रमा हर सेकेंड अंतरिक्ष में लगभग '1 लाख किलोग्राम सोडियम' उगल रहा है. यह मात्रा इतनी बड़ी है कि इसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं. नासा की वैज्ञानिक 'रोसाली लोप्स' के अनुसार, यह सोडियम का उत्सर्जन इतना अधिक है कि इसके ग्रह WASP-49b में भी इतनी मात्रा में सोडियम नहीं होगा. आमतौर पर सोडियम का यह प्रकार का उत्सर्जन ग्रह या तारे से होता है, लेकिन इस मामले में चंद्रमा खुद इस काम को कर रहा है.
2017 में खोजी गई थी इस चंद्रमा की मौजूदगी
इस चंद्रमा की खोज पहली बार 2017 में हुई थी, जब वैज्ञानिकों ने WASP-49b ग्रह और उसके तारे के बीच एक विशाल सोडियम का बादल देखा. यह बादल किसी ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाता पाया गया, जो अपने आप में एक हैरान करने वाली घटना थी. उस समय यह साफ नहीं था कि यह बादल कैसे बना, क्योंकि WASP-49b और उसका तारा इस तरह के पदार्थ को उत्पन्न करने में सक्षम नहीं थे. लेकिन बाद में इस रहस्य से पर्दा उठा, जब वैज्ञानिकों ने इस लावा उगलते चंद्रमा की खोज की.
चंद्रमा की अंत की ओर बढ़ती यात्रा
यह चंद्रमा धीरे-धीरे अपने अंत की ओर बढ़ रहा है. अपने ग्रह और तारे के बीच होने के कारण, यह निरंतर तीव्र गर्मी का सामना कर रहा है, जिससे इसकी सतह पर लगातार लावा फूट रहा है और जहरीली गैसों का उत्सर्जन हो रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चंद्रमा जल्द ही पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा.
पहला 'आधिकारिक एक्सोमून' होगा
अगर वैज्ञानिक इस खोज की पुष्टि कर देते हैं, तो यह चंद्रमा सौर मंडल के बाहर खोजा गया पहला 'आधिकारिक एक्सोमून' होगा. इस तरह की खोजें न केवल हमारे सौर मंडल के बारे में हमारी समझ को बढ़ाती हैं, बल्कि ब्रह्मांड में जीवन के अन्य संभावित स्रोतों को भी उजागर करने में मदद करती हैं.