Nepal New Banknotes:
क नोट जारी करेगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल ने इन नोटों को छापना शुरू कर दिया है. इन नेपाली नोटों में कुछ भारतीय इलाकों को छापा जाएगी. नेपाल के सेंट्रल बैंक नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के संयुक्त प्रवक्ता दिलीराम ने बारे में अहम जानकारी दी है. अब सवाल ये है कि नए नोट के बाद क्या नेपाल और भारत के बीच फिर सीमा विवाद बढ़ेगा?
एक साल के भीतर आएंगे ये नोट
ऐसी उम्मीद जताई जा रही हैं कि नेपाल ने इन नोटों को एक साल के भीतर जारी कर देगा. इन नोटों की छपाई का काम बड़ी ही तेजी के साथ जारी है. नए और अपडेट किए गए बैंक नोटों का ऑर्डर 3 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली नेपाल की कैबिनेट के फैसले के बाद आया.
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नोट में दिखाए ये भारतीय इलाके
नेपाल ने अपने नए बैंक नोटों में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा भारतीय इलाकों को अपने क्षेत्रों के रूप में दर्शाया है. नए बैंक नोटों की छपाई 6 महीने से एक साल में पूरी हो जाएगी. दिलीराम ने आगे बताया कि टेंडर के बाद छपाई की प्रक्रिया शुरू हो गई. नेपाली नोट इंडोनेशिया, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और अन्य देशों में छापे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बैंक 100 रुपये का नोट छापेगा.
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नोट पर भारत ने जताई आपत्ति
नेपाल सरकार ने जब यह नोट छापने का फैसला लिया, तब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आपत्ति जताई थी. भारत लगातार इस नोट को लेकर अपना विरोध जता रहा है. भारत कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने इलाके बताता है. इससे पहले भी नेपाल इन इलाकों पर अपना दावा कर चुका है. मई 2020 में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली नेपाल सरकार ने लिपुलेश, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना बताते हुए देश के नए पॉलिटिकल मैप को लॉन्च किया था.
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नेपाल संग बढ़ेगा सीमा विवाद?
तब नए नक्शे को नेपाली संसद ने औपचारिक रूप से मंजूरी दी थी. हालांकि भारत ने पूरजोर तरीके से आपत्ति जताई थी. इसके बाद नेपाल ने सभी आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स से नए नक्शे को बदलते हुए पुराने नक्शे को बहाल किया था. भारत का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा सही मायने में उसके इलाके हैं. बता दें कि दोनों देशों के बीच इन इलाकों को लेकर सालों से विवाद चल आ रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर नेपाल समय रहते इन नोटों को लेकर जरूरी कदम नहीं उठाता है, तो भारत के साथ उसका सीमा विवाद होना तय है.
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