राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के सदस्यों सहित कम से कम 100 महिला फुटबॉलरों को तालिबान से डरकर देश छोड़ दिया है. कतर सरकार ने कहा कि वह सभी खिलाड़ी सुरक्षित कतर पहुंच गए हैं. कतर के सहायक विदेश मंत्री लोलवाह अल-खतर ने एक ट्वीट में कहा, महिला खिलाड़ियों सहित लगभग 100 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके परिवार विमान से यहां पहुंच गए हैं. स्काई स्पोर्ट्स न्यूज ने बताया कि समूह में कम से कम 20 राष्ट्रीय महिला टीम फुटबॉल खिलाड़ी शामिल हैं. सभी खिलाड़ियों को कोरोनो वायरस परीक्षण से गुजरने के लिए एक परिसर में ले जाया गया.
यह स्पष्ट नहीं है कि वे कब तक कतर में रहेंगे. फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण निकाय फीफा अफगानिस्तान से खिलाड़ियों को निकालने के लिए कतर सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है. अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के संघ FIFPRO ने अगस्त में अफगानिस्तान महिला राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के लिए काबुल से बाहर उड़ान में के लिए मदद की थी. अगस्त में अफगान सरकार गिरने के बाद तालिबान ने 20 साल बाद काबुल का नियंत्रण वापस ले लिया था. तालिबान के
सत्ता में आने के बाद से देश की कई महिला फुटबॉल खिलाड़ी छिपी हुई हैं.
अगस्त में तालिबान के देश पर अधिकार करने के तुरंत बाद अफगानिस्तान की महिला राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की एक पूर्व खिलाड़ी फानूस बसीर ने भी देश छोड़ दिया था. उन्होंने कहा कि तालिबान शासन में उसका कोई भविष्य नहीं है. "हमारे देश के लिए, हमारे भविष्य के लिए, अफगानिस्तान में महिलाओं के भविष्य के लिए हमारे बहुत सारे सपने थे. यह हमारा दुःस्वप्न था कि तालिबान आकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेगा. वर्तमान में महिलाओं के लिए कोई भविष्य नहीं है. पिछले महीने भी अफगानिस्तान की जूनियर राष्ट्रीय टीम की महिला खिलाड़ी सीमा पार करके पाकिस्तान चली गईं थी. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद देश में महिलाओं के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है. महिलाओं की स्वतंत्रता पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है.
HIGHLIGHTS
- तालिबान के डर से देश को छोड़ने को मजबूर हुईं महिला खिलाड़ी
- कतर के सहायक विदेश मंत्री ने कहा, सभी खिलाड़ी कतर पहुंचे
- तालिबान के चंगुल से निकालने में खिलाड़ियों का मदद कर रही फीफा