भारतीय मूल के 11 वर्षीय अर्णव शर्मा ने ब्रिटेन के मेन्सा आईक्यू टेस्ट में 162 का संभावित सर्वाधिक स्कोर हासिल कर एलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग को भी पीछे छोड़ दिया।
दक्षिणी इंग्लैंड रेड्डिंग टाउन में रहने वाले अर्णव ने इस प्रसिद्ध टेस्ट को बिना किसी पूर्व तैयारी के पास किया। उन्होंने यह टेस्ट कुछ हफ़्तों पहले पास किया था। इस टेस्ट को लिखने से पहले अर्नव ने कभी इस पेपर को नहीं देखा था।
11-year-old #ArnavSharma scores 162 points in British Mensa IQ test, more than Albert Einstein and Stephen Hawking.
— Press Trust of India (@PTI_News) June 30, 2017
बुद्धिमत्ता के आकलन की इस परीक्षा में 162 अंक हासिल कर अर्णव, बेहतरीन आइक्यू लेवल के शीर्ष एक प्रतिशत लोगों में शामिल हो गए है।
अर्नव ने कहा,'मेन्सा टेस्ट आसान नहीं है, इसलिए सभी लोग इसे पास करने के बारे में न सोचे।' उन्होंने आगे कहा,'मैंने ढाई घंटे तक ये टेस्ट लिखा, सेंटर पर 7-8 लोग मौजूद थे, जिनमे कुछ बच्चे थे बाकी सब युवा थे।' टेस्ट लिखने से पहले अर्नव निश्चिंत थे। उन्होंने कहा,'मैंने कोई पूर्व तैयारी तो नहीं की थी लेकिन मैं बिलकुल नर्वस नहीं था। जब मैंने अपने पेरेंट्स को रिजल्ट के बारे में बताया तो वह खुश के साथ-साथ बहुत हैरान भी हुए।'
उनकी मां मीशा धमीजा शर्मा ने बताया,'पूरे टेस्ट के दौरान वो काफी नर्वस थी, क्यूंकि अर्णव ने पहले कभी आईक्यू टेस्ट का पेपर नहीं देखा था।' वो आगे बताती है,'जब अर्णव डेढ़ साल का था तब मैं इसे इंडिया ले गयी थी। वहां इसकी दादी ने देखते ही कहा था कि यह पढ़ने में काफी होशियार होगा।' बतौर मीशा,' ढाई साल की उम्र में अर्णव 100 से अधिक काउंटिंग कर लेता था। तब मैंने उसे पढ़ाना बंद कर दिया था क्यूंकि इसके लिेेए नंबर्स का कोई अंत नहीं था।'
क्रॉसफील्ड स्कूल से अपनी पढाई पूरी करने वाले अर्णव का उच्च शिक्षा के लिए ईटन कॉलेज और वेस्टमिन्स्टर में सिलेक्शन हुआ है। ये दोनों ही संस्थान उच्च शिक्षा में अव्वल है। अर्णव की प्रतिभा केवल पढाई तक ही सीमित नहीं है बल्कि उन्हें सिंगिंग और डांसिंग का भी शौख है। आठ साल की उम्र में 'रेड्डिंग गॉट टैलेंट' के सेमीफाइनल्स तक पहुंचे थे।
मेन्सा के स्पोकेसपर्सन ने कहा कि भारतीय मूल का यह लड़का विलक्षण बुद्धिमत्ता का धनी है क्योंकि विश्व भर में बहुत काम लोग ही इतना अधिक स्कोर पाने में सफल रहे है।
माना जाता है कि हॉकिंग और आइंस्टीन का आईक्यू 160 हुआ करता था और मेन्सा को दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी आईक्यू सोसायटी माना जाता है।
(इनपुट्स PTI से)