कांगो में UN शांति मिशन में शामिल दो BSF जवान मारे गए, कुल 5 की मौत

बीएसएफ के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के मुताबिक 26 जुलाई को डीआर कांगो के बुटेंबो में तैनात मोनुस्को में शामिल बीएसएफ के दो जवान सशस्त्र हिंसक संघर्ष में मारे गए.

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Nihar Saxena
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MONUSCO Congo

संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में शामिल थे बीएसएफ जवान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कांगो (Congo) में चल रहे हिंसक संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र (United Nation) शांति अभियान में शामिल सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवानों की मौत हो गई है. बीएसएफ के शहीद जवान मोनुस्को (MONUSCO) यानी यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन स्टेबिलाइजेशन मिशन इन डीएरकांगों के सदस्य थे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक कांगो के पूर्वी शहर गोमा में हिंसक प्रदर्शन के दूसरे दिन पांच लोग मारे गए और 50 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मारे गए बीएसएफ के दोनों जवानों को श्रद्धांजिल देते हुए संयुक्त रष्ट्र से आह्वान किया है कि इस घृणित हमले के जिम्मेदार दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए. उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति भी संवेदनाएं जाहिर की. मारे गए बीएसएफ जवानों के शव एयरलिफ्ट कर बेनी ले जाए गए हैं, जहां बीएसएफ की एक प्लाटून तैनात है. ऐसी भी सूचना है प्रदर्शनकारियों की भीड़ में सशस्त्र विद्रोही शामिल हो गए थे, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया.

500 हिंसक प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने बोला हमला
बीएसएफ के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के मुताबिक 26 जुलाई को डीआर कांगो के बुटेंबो में तैनात मोनुस्को में शामिल बीएसएफ के दो जवान सशस्त्र हिंसक संघर्ष में मारे गए. इसी साल मई में बीएसएफ की दो प्लाटून जिसमें लगभग 70 से 74 जवान हैं इस इलाके में तैनात की गई थी. बताते हैं कि स्थानीय लोगों ने मोनुस्को के खिलाफ कांगो में धरने-प्रदर्शन का आह्वान किया था. प्रदर्शन हिंसक होते देखे बेनी और बुटेंबो में बीएसएफ की तैनात प्लाटून को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया था. सोमवार तो शांतिपूर्वक ढंग से गुजर गया, लेकिन मंगलवार को स्थिति बिगड़ गई और प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए. बेनी से 350 किमी दूर स्थित गोमा में प्रदर्शनकारियों ने लूटपाट शुरू कर दी और संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय कैंप कार्यालय में आग लगा दी. कांगोलीज पुलिस और कांगोलीज सेना मौके पर पहुंचीं, लेकिन 500 से अधिक प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी. बीएसएफ और शांति मिशन के अन्य जवानों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आश्रु गैस के गोले भी दागे, लेकिन हिंसक प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़ जवानों पर हमला करने में सफल रहे. 

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हिंसक हमलावरों ने कांगो पुलिस से छीने हथियार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हकके मुताबिक बुटेंबो बेस पर हिंसक हमलावरों ने कांगो पुलिस से हथियार छीन लिए और वदीर्धारी कर्मियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो बीएसएफ  जवानों के अलावा संयुक्त राष्ट्र मिशन के तीन अन्य लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि डीआरसी में बुटेंबो में हुए दंगों में एक शांतिदूत भी मारा गया था, लेकिन उस की राष्ट्रीयता का खुलासा नहीं किया गया. गुटेरेस ने दो भारतीय पुलिस कर्मियों के निधन पर भारत सरकार को अपनी संवेदनाएं भेजी हैं. हक ने कहा कि भीड़ ने संयुक्त राष्ट्र की सुविधाओं पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके और पूर्वी डीआरसी में ठिकानों में लूटपाट, तोड़फोड़ कर आग लगा दी. गौरतलब है कि डीआरसी मिशन में भारत से 139 पुलिस और 1,888 सैन्य कर्मी शामिल हैं. बताते हैं कि सत्तारूढ़ यूडीपीएस की युवा शाखा के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था. वे नागरिकों और सरकार पर विद्रोही समूहों द्वारा हमलों को रोकने में संयुक्त राष्ट्र की अक्षमता के बारे में शिकायत कर रहे थे.

HIGHLIGHTS

  • बीएसएफ के मारे गए जवान मोनुस्को मिशन के सदस्य थे
  • इसी साल मई में तैनात की गई थी बीएसएफ की दो प्लाटून
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवानों को दी श्रद्धांजलि
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