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पूर्व सुरक्षा बलों की हत्याओं को लेकर 22 देशों ने तालिबान को दी चेतावनी  

संयुक्त बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों पर कथित कार्रवाइयां गंभीर मानवाधिकारों का हनन है. बयान में कहा है कि तालिबान की इस्लामी सरकार पूर्व सरकार के कर्मचारियों और सुरक्षाबलों को निशाना न बनाने के अपने वादे पर कायम रहे.

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Vijay Shankar
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Taliban Fighters

Taliban Fighters ( Photo Credit : File Photo)

अमेरिका सहित 22 सहयोगी देशों ने अफगान सुरक्षा बलों के पूर्व सदस्यों की हत्याओं और जबरन गायब होने की रिपोर्टों पर गहरी चिंता व्यक्त की है. इसे लेकर सभी 22 देशों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया है. इससे पहले ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कि तालिबान शासन के दौरान अब तक सौ से अधिक पूर्व सुरक्षाकर्मियों की निरंकुश हत्याएं की जा चुकी है. तालिबान शासन द्वारा सत्ता संभावने के बाद इस बात का भरोसा दिया गया था कि पूर्व सरकार में शामिल कर्मचारियों और सेना में भर्ती सैनिकों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. तालिबान शासन में लगातार हो रही हत्याओं को लेकर ही इन सभी देशों ने साझा बयान जारी किया है.

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संयुक्त बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों पर कथित कार्रवाइयां गंभीर मानवाधिकारों का हनन है. बयान में कहा है कि तालिबान की इस्लामी सरकार पूर्व सरकार के कर्मचारियों और सुरक्षाबलों को निशाना न बनाने के अपने वादे पर कायम रहे. बयान के अनुसार, रिपोर्ट किए गए मामलों की तत्काल और पारदर्शी तरीके से जांच की जानी चाहिए. साथ ही जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इन कदमों को आगे की हत्याओं और गायब होने के लिए तत्काल परिणाम के रूप में स्पष्ट रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए. हम तालिबान को उनके कार्यों से मापना जारी रखेंगे. तालिबान के इस करतूत को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूके और यूक्रेन द्वारा यह साझा बयान जारी किया गया है.

तालिबान राज में हो रही है हत्याएं

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सत्ता संभालने के बाद तालिबानी राज में कई लोगों हत्याएं की गई है जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल सका है. 

अगस्त में एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाया गया कि 300 तालिबान लड़ाकों ने 30 अगस्त को दहानी कुल गांव के पास एक इलाके की यात्रा की, जहां पूर्व सरकारी सैनिक अपने परिवारों के साथ रह रहे थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबानी लड़ाकों ने नौ सैनिकों को मार डाला, जबकि वे पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके थे.

HIGHLIGHTS

  • पूर्व सरकार के कर्मचारियों और सुरक्षाबलों को निशाने बनाने पर भड़के 22 देश
  • ह्यूमन राइट्स वॉच ने किया था दावा, सौ से अधिक पूर्व सुरक्षाकर्मियों की हुई हत्या
  • पूर्व सरकार के कर्मियों व सैनिकों को नुक़सान नहीं पहुंचाने का दिया था भरोसा
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Source : News Nation Bureau

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