इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भीषण बाढ़ के कारण विस्थापित लोग अपने घरों को वापस लौट रहे हैं. इस भीषण तबाही में मृतकों की संख्या 30 पहुंच गई है. राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रवक्ता अगुस विबोवो ने बृहस्पतिवार को बताया कि मानसून की बारिश और उफनती नदियों की वजह से कम से कम 182 इलाके जलमग्न हो गए. जकार्ता के बाहरी जिलों बोगोर एवं दीपोक जिलों में भूस्खलन हुआ. जकार्ता के गवर्नर अनीस बासवेदन ने कहा कि गुरुवार शाम तक जलस्तर में गिरावट आयी थी और अस्थायी आश्रयों में विस्थापित लोगों की संख्या 19,000 से घटकर लगभग 5,000 हो गई थी.
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राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रवक्ता अगुस विबोवो ने बृहस्पतिवार को बताया कि मानसून की बारिश और उफनती नदियों की वजह से कम से कम 182 इलाके जलमग्न हो गए. जकार्ता के बाहरी जिलों बोगोर एवं दीपोक जिलों में भूस्खलन हुआ. विबोवो ने कहा कि आपदा में मरने वालों की संख्या 30 पहुंच गई है.
नागर विमानन के महानिदेशक पोलाना प्रमेस्ती ने बताया कि बाढ़ से जकार्ता हलीम पेरडानाकुस्माह घरेलू हवाईअड्डे का रनवे डूब गया था जिसके कारण इसे बंद करना पड़ा था लेकिन गुरुवार को इसे फिर से खोल दिया गया. हवाईअड्डा बंद होने से लगभग 20,000 यात्री प्रभावित हुए थे.
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अधिकारियों ने बताया कि हजारों घरों में बिजली बहाल कर दी गई है. जकार्ता एक करोड़ लोगों का घर है और इसके महानगरीय क्षेत्रों में लगभग तीन करोड़ लोग रहते हैं. यहां भूकंप और बाढ़ का खतरा बना रहता है.
Source : Bhasha