मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी बेइज्जती हुई है. संयुक्त राष्ट्र में करीब 40 देशों ने शिनजियांग और तिब्बत में अल्पसंख्यक समूहों पर अत्याचार को लेकर चीन को घेरा है. चीन ने हांगकांग में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के मानवाधिकारों पर पड़ने वाले बुरे असर पर चिंता जाहिर की.
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संयुक्त राष्ट्र महासभा के मानवाधिकार समिति की एक बैठक में 39 देशों ने संयुक्त रूप से जारी बयान में चीन से कहा कि हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता, आजादी के अधिकार को बहाल किया जाए और वहां की न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाए. इतने देशों का एक साथ चीन पर सवाल उठाना उसे नागवार गुजर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में क्यूबा ने 45 देशों के तरफ से बयान पढ़ते हुए चीन के आतंक और कट्टरता के खिलाफ उठाए गए कदमों का समर्थन किया. गौरतलब है कि चीन इसी नाम पर देश में उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहा है.
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39 देशों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस पर हस्ताक्षर करने वाले देश जून में 50 स्वतंत्र यूएन मानवाधिकार एक्सपर्ट्स की ओर से लिखे गए असाधारण लेटर की चिंता को साझा करते हैं, जिसमें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीन पर नजर रखने के लिए सभी उचित कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि चीन की सरकार मानवाधिकारों का सम्मान करे. उन्होंने तिब्बत और शिनजियांग के जातीय अल्पसंख्यकों को लेकर चिंता जाहिर की थी.
Source : News Nation Bureau