Advertisment

ईरान के 52 ठिकाने अमेरिकी निशाने पर, कभी भी हो सकता है हमला

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा था, मैं ईरान को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर उसने किसी अमेरिकी या अमेरिकी ठिकाने पर हमला किया तो हमने ईरान के 52 ठिकानों की पहचान की है. (ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में).

author-image
Sunil Mishra
New Update
ईरान के 52 ठिकाने अमेरिकी निशाने पर, कभी भी हो सकता है हमला

ईरान के 52 ठिकाने अमेरिकी निशाने पर, कभी भी हो सकता है हमला( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

अमेरिका ने ड्रोन हमला कर ईरानी कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया. जवाब में ईरान ने इराक में अमेरिका के दो ठिकानों पर हमला बोल दिया. राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने आगे की कार्रवाई के बारे में बाद में बताने की बात कही है. हालांकि ट्रंप ने तीन दिन पहले ईरान को चेतावनी देते हुए कहा था, 'ईरान बदला लेने की धमकी दे रहा है. मैं ईरान को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर उसने किसी अमेरिकी या अमेरिकी ठिकाने पर हमला किया तो हमने ईरान के 52 ठिकानों की पहचान की है. (ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में). इन 52 ईरानी ठिकानों में कई उच्‍च स्‍तर के हैं और ईरान और उसकी संस्‍कृति के लिए बेहद अहम हैं. इन ठिकानों पर बहुत तेजी से और बहुत विध्‍वंसक तरीके से निशाना बनाया जाएगा. इसलिए ईरान अमेरिका को और धमकी न दे तो ही अच्‍छा होगा.'

यह भी पढ़ें : हम युद्ध नहीं चाहते पर किसी आक्रमण पर चुप नहीं रहेंगे, अमेरिकी ठिकानों पर हमले के बाद बोला ईरान

पिछले रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइप पोंपियो ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहू से ईरान की बदनीयत और क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे पर बातचीत की थी. ईरान के बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर मिसाइले दागने से हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं और अब ईरान ने तो अमेरिका के दो ठिकानों पर हमला भी बोल दिया है.

बेंजामिन नेतान्यहू से बातचीत के बाद माइक पोंपियो ने कहा कि हमारी बातचीत का केंद्र ईरान की बदनीयती और क्षेत्रीय सुरक्षा पर मंडराता खतरा था. माइक पोंपियो ने आतंकवाद को पराजित करने के काम में इजरायल के तत्पर सहयोग का आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल के रिश्ते कभी नहीं टूटेंगे. गौरतलब है कि इराक पर अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद इजरायल खुलकर ट्रंप प्रशासन के पक्ष में आ खड़ा हुआ था. शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने पर इजरायल ने बयान जारी कर कहा था कि अमेरिका को आत्मरक्षा का अधिकार है.

यह भी पढ़ें : ईरानी हमले पर डोनाल्‍ड ट्रंप की पैनी नजर, खाड़ी में नागरिक उड़ानों पर अमेरिका ने रोक लगाई

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहू ने कहा था, 'जिस तरह इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है, वही अधिकार अमेरिका को भी है. कासिम सुलेमानी अमेरिकी नागरिकों समेत कई और निर्दोष लोगों की मौत का जिम्मेदार था. वह और भी ऐसे ही हमलों का साजिश रच रहा था.' हालांकि ईरान ने शनिवार देर रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास मिसाइल हमले कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि वह चुप बैठने वाला नहीं है. इसके बाद से पश्चिम एशिया के हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं.

Source : News Nation Bureau

Benjamin Netanyahu Donald Trump iran mike pompeo Amerca American Airbase Qassim Soleimani Al Asad
Advertisment
Advertisment