यूपी के हरदोई जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. युवती में हार्मोन और खून संबंधित दुर्लभ राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन जनित एप्लास्टिक एनीमिया बीमारी मिली है. लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के दौरान युवती में इस बीमारी का पता चला. केजीएमयू हिमैटोलॉजी विभाग के डॉक्टर दावा करते है कि अमेरिका के बाद इस बीमारी का यह दुनिया में दूसरा मामला सामने आया है. पहला मरीज करीब 37 साल पहले 1984 में अमेरिका से सामने आया था जो की डॉ. पीटर नावेल ने रिपोर्ट किया था. डॉक्टरों का कहना है कि यह नई बीमारी नहीं है लेकिन चौंकाने वाला है कि जेनेटिक बीमारी राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन से एप्लास्टिक एनीमिया हुआ. यह केस स्टडी जरनल ऑफ क्लीनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित हुई थी.
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बहुत लोगों को इस बिमारी के बारे में नई पता होगा तो बता दें की राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन के कारण हार्मोन संबंधित बीमारियां होती जिससे सेक्सुअल ग्रोथ प्रभावित होती है. मरीज बौनेपन का शिकार हो जाता है. एप्लास्टिक एनीमिया में बोन मैरों की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं जिससे शरीर में खून, प्लेटलेट्स व श्वेत रक्त कणिकाओं की कमी हो जाती है. उसके बाद शरीर में कमजोरी, बार-बार संक्रमण और रक्तस्राव जैसी समस्या होती है.
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जीनोम और क्रोमोसोम का खुलासा 17 साल की एक किसान की बेटी में किया गया था. उसे अचानक से कमजोरी महसूस होने लगी. चलना-फिरना दूभर हो गया था. स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराने के बाद राहत नहीं मिली तो परिजन दिसंबर 2019 में युवती को केजीएमयू ले आए. हिमैटोलॉजी विभाग में खून से जुड़ी जांच कराई, तब पता चला की जांच में एप्लास्टिक एनीमिया की पुष्टि हुई. इसके कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर्स ने जीनोम व क्रोमोसोम जांच कराई.
Source : News Nation Bureau