विवादित मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है. मलेशिया की सरकार में मानव संसाधन मंत्री एम. कुलसेगरन ने कहा है कि वे कैबिनेट बैठक में भारतीयों के खिलाफ मलेशिया में जाकिर नाइक के कथित उकसावे का मुद्दा उठाएंगे.
उनका कहना है कि जाकिर नाइक को मलेशियाई मामलों में या स्थानिय समुदायों में दखल देने का हक नहीं है. उन्होंने जाकिर नाइक भगौड़ा बताते हुए कहा, कि वो मलेशिया के इतिहास के बारे में ज्यादा नहीं जानते. ऐसे में उसे स्थानिय लोगों को नीचा दिखाने का हक नहीं है.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल कुछ समय पहल जाकिर नाइक ने कहा था मलेशिया में रहने वाले हिंदू मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वफादार हैं. उनके इस बयान की आलोचना करते हुए मंत्री ने कहा, मलेशियाई हिंदुओं पर सवाल उठावे वाले नाइक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और वो इस मुद्दे को अब कैबिनेट की बैठक में उठाएंगे.
बता दें, भारत सरकार ने जाकिर नाईक और उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया है और इसे गैरकानूनी संगठन घोषित किया है. नाईक पर अपने भड़काऊ भाषण के जरिए नफरत फैलाने, समुदायों में दुश्मनी को बढ़ावा देने और आतंकवाद का वित्तपोषण करने का आरोप है. जाकिर नाईक वर्तमान में मलेशिया का स्थायी निवासी है.
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जाकिर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले में एनआईए जांच कर रही है. नाईक ने जुलाई 2016 में तब भारत छोड़ा था जब बांग्लादेश में मौजूद आतंकियों ने दावा किया था कि वे जाकिर के भाषणों से प्रेरित हो रहे हैं.
इससे पहले पिछले साल जुलाई में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने भी कहा था कि वह भारत के विवादित मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाईक को आसानी से महज इसीलिए नहीं प्रत्यर्पित कर देंगे क्योंकि भारत ऐसा चाहता है. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार हमेशा सुनिश्चित करेगी कि वह इस तरह की किसी मांग पर प्रतिक्रिया देने से पहले सभी कारकों पर विचार करें, 'अन्यथा कोई पीड़ित बन जाएगा.'