देश छोड़ने को लेकर हो रही आलोचना के बीच अशरफ गनी ने सोशल मीडिया के जरिए सफाई पेश की थी. उन्होंने लिखा था, आज मेरे सामने कठिन विकल्प है. मुझे कठिन फैसला लेना पड़ा. मुझे तालिबान के सामने खड़ा रहना चाहिए. मैंने बीते 20 साल से अपनी जीवन यहां के लोगों को बचाने में बिताया है. मैंने अगर देश नहीं छोड़ा होता तो यहां की जनता के लिए अंजाम बुरे होते. तालिबानियों ने मुझे हटाया है. वो काबुल में यहां के लोगों पर हमले के लिए यहां आए. उन्होंने यह भी कहा था कि तालिबान ने हिंसा से लड़ाई जीत ली है. अब उनकी जिम्मेदारी है कि वो अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा करे.
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उन्होंने लिखा कि खूनखराबे से बचने के लिए उन्हें अफगानिस्तान से जाना ही सही लगा. उनकी गैर-मौजूदगी में अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है. अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट कर संविधान के प्रावधानों का भी उल्लेख किया था. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी इस वक्त यूएई में हैं. यूएई के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. यूएई के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है. बयान के मुताबिक, यूएई का विदेश मंत्रालय इस बात की पुष्टि करता है कि यूएई ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का मानवीय आधार पर अपने देश में स्वागत स्वागत किया है.
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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ दिया था. पहले बताया जा रहा था कि वह ताजिकिस्तान पहुंच गए हैं, लेकिन वहां पर उनकी फ्लाइट लैंड नहीं हो सकी. उनके साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहिब भी हैं. अशरफ गनी का कहना है कि उन्होंने देश इसलिए छोड़ा ताकि अफगानिस्तान में ज्यादा रक्तपात न हो. लेकिन अफगानिस्तान के नागरिक उनके इस कदम से काफी नाराज हैं.
HIGHLIGHTS
- अशरफ गनी ने कहा, आज मेरे सामने कठिन विकल्प है. मुझे कठिन फैसला लेना पड़ा
- गनी ने आगे लिखा कि खूनखराबे से बचने के लिए उन्हें अफगानिस्तान से जाना ही सही लगा
- गनी ने यह भी कहा था कि तालिबान ने हिंसा से लड़ाई जीत ली है.
Source : News Nation Bureau