काबुल में हो रहे हमलों से नाराज़ आफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी से बात करने से मना कर दिया।
काबुल में हुए हमलों को लेकर संवेदना प्रकट करने के लिये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी को फोन किया लेकिन गनी ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने आंतरिक मामलों के मंत्री और खुफिया विभाग के प्रमुख को हमलों से संबंधित सबूत सौंपने के लिये भेज दिया है।
हाल ही में हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत सौंपने के लिये अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री और खुफिया विभाग के प्रमुख पाकिस्तान को राष्ट्रपति अशरफ गनी का संदेश भी देंगे।
डॉन अखबार के अनुसार पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने कहा कि अफगानिस्तान के आतंकरिक मामलों के मंत्री वैस अहमद बर्मक और खुफिया विभाग के प्रमुख मासूम स्तानेकज़ई इस्लामाबाद पहुंचे हैं।
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हालांकि अफगानिस्तान की न्यूज़ एजेंसी टोलो ने राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से कहा है कि प्रतिनिधिमंडल काबुल में हुए आतंकी हमलों के सबूत पाकिस्तान को देने गए हैं। इन सबूतों को पाकिस्तान के सेना को भी दिया जाएगा। हालांकि सूत्र ने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार किया है।
अफगानिस्ता की राजधानी काबुल में पिछले 10 दिनों में कई हमले हुए हैं. जिसमें 150 से ज्यादा लोगों के मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
आईएस के आतंकियों ने सोमवार को अफगानिस्तान की मिलिटरी अकादमी पर हमला किया था जिसमें 11 सैनिकों की मौत हो गई थी और 16 घायल हुए थे।
इससे पहले होटल पर हमला हुआ था। जिसमें 25 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद तालिबान ने 27 जनवरी को हमला किया था जिसमें 100 लोग मारे गए थे और कई घायल हुो गए थे।
इन हमलों के लिये अफगानिस्तान सरकार ने हक्कानी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया था।
अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकाल ने होटल पर हुए हमलों में शामिल आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिये आईएसआई को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'इंटर कॉन्टिनेंटल होटल के हमलावर आतंकियों में से एक आतंकी के पिता अब्दुल कहर ने पिछले हफ्ते माना था कि उसके बेटे को पाकिस्तान की आईएसआई ने चमन में ट्रेनिंग दी थी, जो बलूचिस्तान में है।'
कहर इस समय अफगानिस्तान में सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत में है।
अमेरिका में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा कि इस हमले को पाकिस्तान ने रचा था। उन्होंने कहा है कि जो नाइटविज़न चश्मे मिले हैं वो मिलिटरी ग्रेड के हैं और वो आम लोगों को उपलब्ध नहीं होता है। इन्हे पाकिस्तान ने ब्रिटेन से खरीदा था। जिसे कश्मीर में लश्कर ए तोयबा को और अफगानिस्तान में तालिबान को सौंपा गया है।
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Source : News Nation Bureau