अफगानिस्तान सुलह प्रक्रिया के लिए नियुक्त अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मे खलीलजाद और अफगान तालिबान के बीच इस्लामाबाद में हुई बातचीत के परिणाम अब दिखाई पड़ने लगे हैं. इस बातचीत का ही परिणाम है कि कैदियों की अदला-बदली का एक समझौता अमल में आया है. इसके तहत बीते 17 महीनों से तालिबान की कैद में रह रहे तीन भारतीय इंजीनियर अब रिहा किए गए हैं. बदले में 11 तालिबान सदस्यों को भी रिहा किया गया है. हालांकि भारतीय दूतावास ने इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. सिर्फ इतना ही कहा गया है कि ऐसी खबरें मिलने के बाद केंद्र सरकार अफगानिस्तान सरकार के संपर्क में है.
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बदले में रिहा किए गए 11 तालिबानी
बातचीत के बाद रिहा होने वाले तालिबान सदस्यों में कई महत्वपूर्ण कमांडर हैं. इनमें से एक है शेख अब्दुल रहीम और मौलवी अब्दुर राशिद. तालिबान के उक्त दोनों शीर्ष ओहदेदार अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दौरान कुनार और निमरोज के गवर्नर रह चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक कैदियों की अदला-बदली स्थानीय समयानुसार रविवार अल सुबह हुई है. हालांकि बताया जाता है कि तालिबान सदस्यों की रिहाई बगराम में अमेरिकी वायुसेना के अड्डे से हुई. अमेरिका और तालिबान के बीच इस्लामाबाद में हुई बातचीत के बाद तीनों भारतीय इंजीनियरों को रिहा करने पर फैसला किया गया है, जहां प्रतिनिधिमंडल की बैठक में तीन भारतीय इंजीनियरों की रिहाई का मुद्दा उठाया गया था.
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अप्रैल 2018 में बंधक बनाए गए भारतीय कामगार
हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भारतीय इंजीनियरों (कैदियों) की रिहाई की पुष्टि अफगान तालिबान की ओर से जरूर की गई है लेकिन अफगान सरकार ने खुद इसकी पुष्टि नहीं की है. जानकारी के मुताबिक भारत सरकार को भी तीनों इंजीनियरों की रिहाई के बारे में सूचित नहीं किया गया है, लेकिन सरकार के सूत्रों के मुताबिक वह अफगानिस्तान सरकार से संपर्क में हैं क्योंकि रिहाई पर बात सामने आई है. बताते हैं कि रिहा किए गए भारतीय इंजीनियर अफगानिस्तान के उत्तरी क्षेत्र में स्थित बगलान के एक पॉवर प्लांट में कार्यरत थे, जब मई 2019 में तालिबान ने उन्हें बंधक बनाया था. इनमें से एक को मार्च में ही रिहा कर दिया गया था.
HIGHLIGHTS
- बीते 17 महीनों से तालिबान की कैद में रह रहे तीन भारतीय इंजीनियर रिहा किए गए हैं.
- बदले में 11 तालिबान सदस्यों को भी बगराम वायुसैनिक अड्डे से रिहा किया गया है.
- अमेरिका और तालिबान के बीच इस्लामाबाद में हुई बातचीत के बाद किया गया फैसला.