भारत ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब डूरंड रेखा से आतंकवादी गतिविधियों का संचालन नहीं हो. भारत ने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और सुरक्षा परिषद को ऐसी ताकतों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए. भारत का दो टूक कहना है कि शांति वार्ता और हिंसा एक साथ नहीं चल सकते. डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा है.
International community, simply can't afford to lose gains of the last two decades. The progress achieved so far is hard-won. The future which we seek should have a place for every Afghan and should have space for everyone’s aspiration: TS Tirumurti, Permanent Rep of India to UN https://t.co/BvG2xkTr5L
— ANI (@ANI) November 20, 2020
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पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, 'आज जब हम बैठक कर रहे हैं ठीक उसी वक्त अफगानिस्तान के कई इलाकों में जंग जारी है. रिपोर्ट्स आ रही हैं जिनमें बच्चों, महिलाओं समेत आम नागरिकों पर आतंकी हमले की खबरें हैं. शांति प्रक्रिया और हिंसा साथ में नहीं चल सकते और हम तत्काल समग्र संघर्ष विराम का आह्वान करते हैं. अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति के लिए हमें डूरंड रेखा से संचालित आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना होगा.' उन्होंने कहा, 'समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद हिंसा और आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोले तथा आतंकवादी ठिकानों और उनकी सुरक्षित पनाहों के खिलाफ कार्रवाई करे.'
It is our view that peace process and violence cannot go hand in hand, and we call for an immediate comprehensive ceasefire. For durable peace in Afghanistan, we have to put an end to terrorist safe havens and sanctuaries operating across the Durand Line: TS Tirumurti pic.twitter.com/8HSrjXsNeB
— ANI (@ANI) November 20, 2020
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डूरंड लाइन पर विदेशी लड़ाकों की मौजूदगी
उन्होंने आगे कहा, हमें डूरंड लाइन के आस-पास आतंक का सफाया करना होगा. उन्होंने कहा- अलकायदा/आईएसआईएस सैंक्शन कमेटी के तहत बनी एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शन मॉनिटरिंग टीम की रिपोर्ट के मुताबिक डूरंड लाइन में विदेश लड़ाकों की मौजूदगी भी दर्ज की गई है. अफगानिस्तान में शांति के लिए आतंकियों की यह सप्लाई चेन खत्म करनी होगी.
Source : News Nation Bureau