अफगानिस्तान संकट को लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 24 अगस्त को जी-7 लीडर्स की इमरजेंसी बैठक बुलाई है. जॉनसन ने कहा कि मानवीय संकट रोकने के लिए सभी एकजुट हो जाना चाहिए. लोगों के लिए सेफ इवैक्युएशन सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है. ब्रिटिश पीएम ने कहा कि मानवता की मदद के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी मिलकर काम करे. वहीं, विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने 21 अगस्त को मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका ने काबुल हवाई अड्डे में परेशानी पैदा की है. जोसेप बोरेल ने कहा कि चूंकि अमेरिकी सेना ने काबुल हवाई अड्डे में अति सख्त सुरक्षा कदम उठाया है, इसलिए हटते समय यूरोपीय संघ के कर्मचारियों को बाधा पहुंची है.
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'तालिबान के साथ आवश्यकता पड़ने पर काम करने को तैयार'
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि उनका देश तालिबान के साथ आवश्यकता पड़ने पर काम करने को तैयार है. जॉनसन ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि तालिबान के साथ काम करते हुए अफगानिस्तान के लिए एक समाधान खोजने के हमारे राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास निश्चित रूप से जारी रहेंगे।" उन्होंने कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर स्थिति थोड़ी बेहतर हो रही है और स्थिर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन गुरुवार से ब्रिटेन के साथ काम करने वाले लगभग 2000 अफगानों और ब्रिटिश नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में सक्षम है. इस सप्ताह की शुरूआत में, गृह कार्यालय ने एक पुनर्वास योजना की शुरूआत की थी, जिसके तहत 20,000 अफगानों को देश में लंबे समय तक शरण देने की घोषणा की गई थी.
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इस योजना को ब्रिटिश सांसदों द्वारा अफगान संकट से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं माना गया था, जो बुधवार को एक आपातकालीन संसद सत्र के लिए मिले थे. ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने पिछले सप्ताह कहा था कि अफगानिस्तान से अपने सैन्य बलों को वापस बुलाने का अमेरिका का निर्णय गलत है.
Source : News Nation Bureau