तालिबानी आतंकवादी पूरे अफगानिस्तान को अपने कब्जे में लेने का प्रयास कर रहे हैं और वे इस दिशा में काफी आगे भी बढ़ चुके हैं. अफगान के कई प्रांतों पर तालिबान ने अपना कब्जा कर लिया है. तालिबान के बढ़ते दबाव के बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी (ashraf ghani) ने घोषणा की है कि वे तालिबान के खिलाफ आखिरी सांस तक जंग लड़ेंगे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तालिबान की मांग के आगे झुकते हुए अशरफ गनी राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
बताया जा रहा है कि तालिबान की मांग यही है कि अगर राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं तो वे अपने हमले भी रोक देंगे. इस बीच अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में सुरक्षा बैठक हुई. इस बैठक में फैसला लिया गया है कि तालिबान के खिलाफ लड़ाई और राष्ट्रीय प्रतिरोध का पूरा समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने फैसला किया है कि रक्षा और सुरक्षा बलों के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रतिरोध बलों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जाएंगी.
अब शायद अफगानिस्तान वापस आ जाएगा अल कायदा : ब्रिटिश रक्षा मंत्री
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा है कि अफगानिस्तान में हालात बिगड़ते ही अल कायदा शायद वापस आ जाएगा.
स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और तालिबान द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते को एक गलती और सड़ा हुआ बताते हुए, वालेस ने देश से सैनिकों को वापस लेने के वाशिंगटन के फैसले की अत्यधिक आलोचना की है.
अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वालेस ने कहा, मैं पूरी तरह से चिंतित हूं कि विफल राष्ट्र उन प्रकार के लोगों के लिए प्रजनन आधार (ब्रिडिग ग्राउंड) हैं. उन्होंने कहा, बेशक मैं चिंतित हूं, यही कारण है कि मैंने कहा कि मुझे लगा कि यह निर्णय लेने का सही समय नहीं था, क्योंकि निश्चित रूप से, अल कायदा शायद वापस आ जाएगा, जो कि निश्चित रूप से उस प्रकार के प्रजनन स्थल (आतंक के फलने-फूलने के लिए सही जगह) को पसंद करेगा.
ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने आगे कहा, यही हम देखते हैं, दुनिया भर में विफल राष्ट्र अस्थिरता की ओर चले जाते हैं और हमारे तथा हमारे हितों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह उनका विचार है कि अफगानिस्तान से हटने के लिए तत्कालीन रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत कतर में 2020 में अमेरिका और तालिबान द्वारा हस्ताक्षरित सौदा एक गलती और सड़ा हुआ सौदा था.
ट्रम्प के उत्तराधिकारी, डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन ने जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से वापसी की समय सारिणी जारी रखी है.
Source : News Nation Bureau