अफगानिस्तान में अब तालिबानी राज शुरू हो गया है. अफगानिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद मोहम्मद अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है. सूत्रों के अनुसार, तालिबान के सामने घुटने टेकते हुए अशरफ गनी अपनी कोर टीम के साथ देश छोड़कर भाग गए हैं. बताया जा रहा है कि वे अफगानिस्तान को छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं. इस वक्त अफगानिस्तान में रह रहे विदेशी लोगों में अफरातफरी का माहौल है. विदेशी सरकारों ने अफगान से अपने लोगों को निकालने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है.
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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में तालिबान को सत्ता हस्तांतरित कर दी गई है. अफगान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने इस प्रक्रिया में मध्यस्थता किया है. सूत्रों ने यह भी कहा है कि अली अहमद जलाली को नई अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया जाएगा.
इस बीच कार्यवाहक आंतरिक और विदेश मामलों के मंत्रियों ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में भरोसा दिया है कि काबुल के लोग सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं. इससे पहले तालिबान ने काबुल के लोगों को डरने का आश्वासन नहीं दिया, क्योंकि उनका इरादा सैन्य रूप से अफगान राजधानी में प्रवेश करने का नहीं है और काबुल की ओर एक शांतिपूर्ण आंदोलन होगा.
तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में हर तरफ से अपने बलों को तैयार किया, क्योंकि अमेरिकी नेतृत्व वाले हमले में सत्ता छोड़ने के लगभग 20 साल बाद काबुल के सशस्त्र समूह के अधिग्रहण के लिए तैयार नागरिक घबराए हुए हैं. काबुल में इस समय छिटपुट गोलीबारी के साथ सायरन भी सुना जा सकता है. कई हेलीकॉप्टर सिटी सेंटर के ऊपर से उड़ान भर रहे थे और आग की लपटें गिरा रहे थे.
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तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, इस्लामिक अमीरात अपने सभी बलों को काबुल के द्वार पर खड़े होने का निर्देश देता है, न कि शहर में प्रवेश करने की कोशिश करने के लिए। हालांकि कुछ निवासियों ने बताया कि लड़ाके शांतिपूर्वक कुछ बाहरी उपनगरों में प्रवेश कर गए. घबराए कर्मचारी सरकारी दफ्तरों से भाग गए. भविष्य के डर से हजारों नागरिक अब काबुल में ही पार्कों और खुली जगहों में रहते हैं.
Source : News Nation Bureau