ब्रिक्स बैठक के बाद जारी किये गए प्रस्ताव में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के नाम शामिल करने के बाद अब चीन ने कहा है कि वो आतंकियों को मिल रही आर्थिक मदद को रोकने के खिलाफ चल रही मुहिम में सहायता करेगा।
चीन ने कहा है, 'मनी लॉन्डरिंग और आतंकियों को आर्थिक मदद की गतिविधियां नॉन फाइनेंशियल सेक्टर में इन दिनों बढ़ी हैं।'
ये बयान चीन के केंद्रीय बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (पीओबीसी) की तरफ से आया है। बैंक ने रियल इस्टेट और जूलरी की बिक्री से आतंकियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को लेकर चिंता जताई है।
पीओबीसी ने इस तरह की डील्स पर निगरानी शुरू कर दी है। साथ ही संबंधित विभागों और नॉन फाइनेंशियल इंडस्ट्री के नियमों की जाच भी शुरू कर दी है।
चीन की एजेंसी शिन्हुआ ने ककहा है कि 2007 में एंटी मनी लॉन्डरिंग कानून के आने के बाद से कड़ाई बरती जा रही है।
और पढ़ें: उत्तर कोरिया ने कई मिसाइलों को किया मूव, क्या युद्ध की है तैयारी?
चीन अब नए नियमों के अनुसार आतंकियों को मिलने वाली आर्थिक मदद पर नज़र रखेगा। चीन का कहना है कि 2020 तक वो मनी वॉनडरिंग और आतंकियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को पर पूरी तरह से रोक लगा लेगा।
ब्रिक्स प्रस्ताव में चीन ने खुलकर तालिबान, आईएसआईएल, अल कायदा, लश्कर ए तोयबा, जैश ए मोहम्मद, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान और हिज्ब उल तहरीर को आतंकी संगठन माना है।
और पढ़ें: एलफिन्सटन ब्रिज हादसा: पीयुष गोयल ने कहा, एफओबी सुविधा नहीं आवश्यकता
प्रस्ताव में कहा गया था, 'हम सभी आतंकी घटनाओं पर खेद प्रकट करते हैं.... साथ ही आतंक के हर स्वरूप की कड़ी निंदा करते हैं। आतंकवाद को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है।'
पीबीओसी ने कहा है कि नियमों को सख्ती से लागू करने पर देश में मंदी जैसी स्थिति नहीं आएगी। ये सारी कार्रवाई अपने तरीके से चलेगी जिसका कोई असर बाज़ार पर नहीं होगा।
और पढ़ें: डोकलाम विवाद का हल अचानक कैसे निकला, एक किताब से हुआ खुलासा
Source : News Nation Bureau