चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने रविवार को कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि देश ने हांगकांग पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर इसे अराजकता से शासन में बदल दिया है. हर पांच साल में एक बार होने वाली पार्टी की बैठक में शी जिनपिंग ने सदस्यों से कहा कि चीन ने ताइवान (Taiwan) अलगाववाद के खिलाफ एक बड़ा संघर्ष भी किया है. इस क्रम में बीजिंग क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए दृढ़ और सक्षम है. हांगकांग (Hong Kong) पर कार्रवाई के साथ ताइवान के खिलाफ सैन्य आक्रामकता का बचाव करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि उन्होंने देश की गरिमा और मूल हितों की रक्षा की. रविवार से शुरू हुई सीसीपी (CCP) कांग्रेस की 20वीं बैठक 22 अक्टूबर तक चलेगी.
चीन की गरिमा और मूल हितों की रक्षा सर्वोपरि
चीन के मीडिया आउटलेट सिन्हुआ के मुताबिक शी जिनपिंग ने कांग्रेस में कहा हांगकांग में अशांत स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए चीन के संविधान और हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के मूल कानून द्वारा निर्धारित विशेष प्रशासनिक क्षेत्र पर चीन ने समग्र अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया. उन्होंने आगे कहा कि यह सुनिश्चित किया गया कि क्षेत्र में शांति बहाली के बाद हांगकांग देशभक्तों द्वारा शासित है. स्व-शासित द्वीप ताइवान पर, उन्होंने कहा, 'ताइवान की कथित स्वतंत्रता के लिए जारी अलगाववादी गतिविधियों और स्थिति पर बाहरी हस्तक्षेप के घोर उकसावे के बावजूद हमने अलगाववाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ाई लड़ बाहरी हस्तक्षेप का मुकाबला किया है.' जिनपिंग ने आगे कहा, 'चीन की संप्रभुता की रक्षा करने और ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध करने के अपने संकल्प और क्षमता का चीन ने प्रदर्शन किया है.' अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बदलाव का जिक्र करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने दृढ़ रणनीतिक संकल्प बनाए रखा है और एक लड़ाई की भावना दिखाई है. उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों के दौरान हमने चीन की गरिमा और मूल हितों की रक्षा की है.
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जीरो कोविड नीति का किया बचाव
चीन की कम्युनिस्ट कांग्रेस की बैठक में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोविड नीति का बचाव करते हुए कहा कि सरकार ने लोगों और उनके जीवन को सबसे ऊपर रखा और एक जीरो कोविड नीति का दृढ़ता से पालन किया. उन्होंने कहा कि चीन ने गरीबी के खिलाफ सबसे बड़ी और लंबी लड़ाई लड़ी है समग्र दुनिया में गरीबी को कम करने के हमारे प्रयास महत्वपूण हैं. क्षेत्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि चेयरमैन शी जिनपिंग निस्संदेह सत्ता में अपने कार्यकाल को और पांच साल के लिए बढ़ाएंगे. उन्हें या तो सीसीपी के महासचिव के रूप में फिर से चुना जाएगा या सीसीपी के अध्यक्ष के रूप में नव निर्वाचित किया जाएगा. गौरतलब है कि सीसीपी अध्यक्ष का पद 1982 से निष्क्रिय है. कभी माओत्से तुंग के पास सीसीपी अध्यक्ष का सर्वोच्च पद हुआ करता था.
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कम नहीं हैं चुनौतियां
अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिहाज से सीसीपी कांग्रेस की बैठक हाल के सबसे कठिन दौर में हो रही है. व्लादिमीर पुतिन महान रूसी नेता के रूप में अपनी साख बरकरार रखने के लिए यूक्रेन कोधूल-धूसरित करने में आमादा है. जिनका चीन वैश्विक बिरादरी के थोपे गए प्रतिबंधों के बावजूद समर्थन कर रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच चीन ताइवान जलडमरूमध्य तनाव दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर है. चीन ताइपे पर हर हाल में कब्जा करना चाहता है. इसके अलावा अमेरिका के साथ राजनयिक तनाव, कोरोना रूपी वैश्विक महामारी के बाद के प्रभाव कोविड-19 को घरेलू स्तर पर काबू करने जैसी चुनौतियां चीन के समक्ष मुंह बाए खड़ी हैं.
HIGHLIGHTS
- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का रविवार से शुरू अधिवेशन 22 तक चलेगा
- हांगकांग और ताइवान का जिक्र कर शी जिनपिंग ने आलापा राष्ट्रवाद
- राष्ट्रपति पद के तीसरे कार्यकाल पर मुहर के साथ बनेंगे महान नेता
Source : Sunder Singh