नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के राजनीतिक भविष्य के बाद अभी छंटे नहीं हैं. भारत विरोधी बयान के चलते उनके अपने दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के ही नेता केपी शर्मा ओली का इस्तीफा मांग पर अड़े हैं. पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पा कमल दहल उर्फ प्रचंड समेत पार्टी के कई शीर्ष नेता भी ओली की विदेश नीति का विरोध कर रहे हैं. इस बीच आज नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेता पुष्पा कमल दहल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और फिर केपी ओली से मिलने पहुंचे.
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नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता पुष्पा कमल दहल उर्फ प्रचंड पहले राष्टपति बिद्या देवी भंडारी से मिलने के लिए पहुंचे. बता दें कि केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाए जाने की साजिश का आरोप लगाया था. जिसके बाद प्रचंड खुद राष्ट्रपति से मिलने गए हैं. यहां से वह बलूवतर गए, जहां उन्होंने आधिकारिक आवास पर प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ बातचीत की है. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत बेनतीजा रही. बताया जा रहा है कि दोनों नेता अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं. ऐसे में सुलह के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं. हालांकि किसी फैसले पर पहुंचने से पहले दोनों नेताओं के बीच सोमवार को एक बार फिर बैठक होगी.
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उधर, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य पर निर्णय करने के लिए देश की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक भी कल होने वाली है. पार्टी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की अहम बैठक शनिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे होने वाली थी, लेकिन अंतिम समय में यह स्थगित कर दी गई. भारत विरोधी बयान और विदेश नीति के कारण पार्टी में ओली अलग-थलग पड़ गए हैं, क्योंकि अधिकतर वरिष्ठ नेता प्रचंड के साथ हैं. 45 सदस्यीय स्थायी समिति के भी केवल 15 सदस्य ओली के साथ हैं. एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने ओली के भारत विरोधी बयान के चलते उनका इस्तीफा मांगा है.
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