आधुनिक इतिहास कई ऐसे आतंकी हमलों का साक्षी बना है, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. म्यूनिख ओलंपिक (Munich Olmpics) से लेकर अमेरिका का 26-11 आतंकी हमला (America Terror Attack) और भारत के मुंबई ट्रेन बम ब्लास्ट और आतंकी हमले (Mumbai Terror Attack) तक आतंकी हमलों की एक लंबी फेहरिस्त है. इसी फेहरिस्त में 13 नवंबर 2015 को फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके उपनगर पर हुए आतंकी हमले भी शामिल हैं. फ्रांस के इतिहास में सबसे भीषण आतंकी हमले में 130 लोग मारे गए थे, जिसमें से अकेले बाटाक्लेन थिएटर में ही 89 लोगों को आईएसआईएल के आतंकियों ने मार डाला था. पेरिस के इस आतंकी हमले के तार भारत से भी जुड़े थे. इन आतंकी हमले की साजिश रचने और सहयोग करने के आरोप में सात साल बाद फैसला आया है. बुधवार को जज जीन-लुई पेरीज़ ने 20 लोगों को दोषी ठहराया है. इनमें मुख्य आरोपी सलाह अब्देसलाम भी शामिल है. कोर्ट ने उसे आतंकी योजना के तहत हत्या करने और हत्या के प्रयास समेत अन्य आरोपों में दोषी पाया है.
पेरिस आतंकी हमलों में मारे गए थे 130 लोग
गौरतलब है कि 3 नवंबर 2015 की शाम पेरिस और उसके उत्तरीय उपनगरीय इलाके सेंट डेनिस में आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर गोलीबारी, आत्मघाती बम विस्फोट और लोगों को बंधक बनाया गया. हमलों की शुरुआत स्टेड डी फ्रांस के बाहर तीन आत्मघाती हमलों, बड़े पैमाने पर गोलीबारी और मध्य पेरिस के पास चार स्थानों पर एक और आत्मघाती बम विस्फोट के साथ हुई. सबसे भीषण हमला 14 नवंबर को बाटाक्लेन थिएटर में हुआ जहां हमलावरों ने पुलिस के साथ उलझने से पहले लोगों को बंधक बनाया. हमलों में 129 लोग, मारे गए जिनमे से 89 की मृत्यु जिनमें से बाटाक्लेन थिएटर में ही हुई. 400 से ज्यादा लोग इन आतंकी हमलों में घायल हुए थे. 15 नवंबर को फ्रांस के हमलों के प्रतिशोध में, अल-रक्का में आईएसआईएल के ठिकानों को लक्ष्य बनाकर ऑपरेशन चामल चलाया गया जो अभी तक का सबसे बड़ा हवाई हमला है. 18 नवंबर को हमलों के मास्टरमाइंड संदिग्ध, बेल्जियम के अब्देल हामिद को फ्रांसीसी पुलिस ने एक छापे में मार गिराया था.
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आतंकियों की तीन टोलियां ने दिया आतंकी हमलों को अंजाम
हमलावरों की तीन टोलियों ने इन आतंकी हमलों को अंजाम दिया. आईएस के आतंकियों ने अपने बदन पर बम बांध रखे थे. इनमें से एक आत्मघाती हमलावर को पहले भी 8 बार गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन उसे आतंकी की श्रेणी में कभी भी नहीं रखा गया. इन आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले सात हमलावर घटनास्थल पर ही मारे गये. स्टेट डी फ्रांस के पास तीन आतंकियों ने खुद को बम से उड़ा लिया. अन्य आतंकियों की पहचान कुछ इस तरह हुई थी...
बिलाल हद्फीः एक बीस वर्षीय युवा व बेल्जियम का नागरिक आतंकी संगठन बोको हराम का समर्थक था और आईएसआईएस के लिए लड़ चुका था.
अबदुलाक्बाक बीः इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी थी.
इब्राहिम अब्देसलामः 31 साल का फ्रांसीसी नागरिक था, जो मोलेनबीक आतंकी गुट से जुड़ा था और बेल्जियम में रहता था. इब्राहिम ने वोल्तायरे रेस्त्रां के पास खुद को बम से उड़ा लिया था.
तीन हमलावरों ने काले कपड़ों में एके-47 से साथ बाटाक्लेन थिएटर पर आतंकी हमला किया था. पुलिस की घेराबंदी देख दो आतंकियों ने खुद को बम से उड़ा लिया. तीसरे आतंकी को पुलिस ने बम फटने से पहले मार गिराया. बाद में इनकी पहचान यमन में आईएस के लिए लड़ने वाले सैमी एनीमोर के रूप में हुई. सीरिया का पासपोर्ट धारी अहमद अलमुहम्मद था, जो फ्रांस में ग्रीस और मैसीडोनिया के रास्ते आया था. इसके अलावा कोरकोरोनस का रहने वाला ओमर इस्माइल मोस्तफा भी था.
भारत से भी जुड़े थे पेरिस आतंकी हमलों के तार
गौरतलब है कि पेरिस में हुए भीषण आतंकी हमलों के तार भारत से भी जुड़े थे. भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट में शामिल होने और उसकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में तमिलनाडु के तिरुनेल्वेली जिले से 2016 में हाजा मोईदीन को गिरफ्तार किया था. माना जाता है कि वह 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमलों में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल था. पेरिस हमला मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित सलाह अब्देस्लेम के साथ सुबाहानी को भी सीरिया में प्रशिक्षित किया गया था. मूलतः थोडुपुझा का रहना वाले हाजा को शरिया की विस्तृत तालीम हासिल देने के बाद युद्ध का प्रशिक्षण भी दिया गया था.इसके बाद उसे इराक के मोसुल में आईएस के कब्जे वाले इलाके में सुरक्षा कार्यों में तैनात किया गया था.
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मुंबई आतंकी हमलों जैसे ही थे पेरिस पर आतंकी हमले
पेरिस और उसके उपनगर पर हुए 2015 के आतंकी हमले काफी हद तक मुंबई के आतंकी हमलों जैसे थे. मुंबई की ही तर्ज पर आतंकियों ने उन स्थानों को अपना निशाना बनाया, जहां भीड़-भाड़ थी. सभी आतंकी आधुनिक हथियारों से लैस थे और उन्होंने मुंबई की ही तर्ज पर भीड़ को निशाना बना अधाधुंध गोलीबारी की. अगर मुंबई और पेरिस के आतंकी हमलों में कोई अंतर था , तो वह यही थी पेरिस में आतंकियों ने पुलिस से घिरने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था. एक तरह से देखा जाए तो मुंबई के आतंकी हमलों के बाद पेरिस को भी योजनाबद्ध तरीकों से निशाना बनाया गया था.
HIGHLIGHTS
- 13-14 नवंबर 2015 के पेरिस दहल उठा था अलग-अलग आतंकी हमलों से
- इस आतंकी हमले में सबसे ज्यादा 89 लोग बाटाक्लेन थिएटर में मारे गए
- पेरिस पर हुए आतंकी हमले 2008 में मुंबई हमले जैसे ही लक्षित थे