Advertisment

श्रीलंका की राह पर नेपाल, ईंधन बचाने के लिए कर्मचारियों को देगा दो दिन की छुट्टी

कोरोना महामारी के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई की मार दुनिया के कमजोर और छोटे देशों पर सबसे ज्यादा पड़ रही है.

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
Nepal

श्रीलंका की राह पर नेपाल, ईंधन बचाने के लिए कर्मचारियों को देगा दो दिन( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

Economic Crisis of Nepal : कोरोना महामारी के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई की मार दुनिया के कमजोर और छोटे देशों पर सबसे ज्यादा पड़ रही है. खास तौर से जिन देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान ज्यादा है, उन देशों की हालत सबसे ज्यादा बिगड़ती जा रही है. भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका खुद को दिवालिया घोषित कर चुका है. इसके साथ ही अब नेपाल भी श्रीलंका की राह पर जाता दिखाई पड़ रहा है. नेपाल की वित्तीय हालत इतनी खराब हो गई है कि इसने देश में ईंधन की सप्लाई बदस्तूर जारी रखने के लिए अपने कर्मचारियों को दो दिन की छुट्टी पर भेजने पर विचार  कर रहा है. इसके साथ ही नेपाल ने देश को आर्थिक बदहाली से बचाने के लिए विदेशों में रह रहे अपने नागरिकों से मदद की गुहार लगाई है.

नेपाल की खराब होती अर्थव्यवस्था के बीच वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने शनिवार को विदेशों में रहने वाले नागरिकों से विदेशी पैसे के साथ नेपाल की मदद करने की गुहार लगाई.  नेपाल सरकार ने विदेशों में रह रहे अपने नागरिकों से कहा है कि आर्थिक संकट से गुजर रहे अपने देश के बैंकों में वे डॉलर खाते (विदेशी मुद्रा खाते) खुलवाए और निवेश करें. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट के कारण नेपाल में पर्यटन घटने से विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आई है. इस बीच प्रवासी नेपाली संघ (एनआरएनए) की ओर से आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवासी नेपालियों की ओर से नेपाल के बैंकों में डॉलर खाते खोलने से देश को विदेशी मुद्रा की कमी के संकट से उबरने में काफी मदद मिल सकती है.

दो दिवसीय छुट्टी पर विचार कर रहा है पड़ोसी देश
करीब एक महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप वैश्विक तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, क्योंकि रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके साथ ही अन्य प्रमुख तेल उत्पादक देश ईरान और वेनेजुएला को भी पेट्रोलियम बेचने पर प्रतिबंधों की वजह से वैश्विक बाजार में मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने की वजह से कच्चे तेल की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ है. इसके बुरे प्रभाव से दो चार नेपाल सरकार ईंधन की खपत को कम करने के लिए इस महीने सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों में दो दिन की छुट्टी घोषित करने पर विचार कर रही है. दरअसल, नेपाल इन दिनों विदेशी मुद्रा संकट और पेट्रोलियम उत्पादों की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहा है. कैबिनेट सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल और नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने सरकार को दो दिन का सरकारी अवकाश देने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ेंः Corona ने फिर पकड़ी रफ्तार, दिल्ली में एक हफ्ते में 145% बढ़े केस

पर्यटन घटने से बदहाल हुआ नेपाल
दुनियाभर में कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्रा ठप होने से पर्यटन पर निर्भर नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट का सामना कर रहा है. सरकारी प्रवक्ता ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने इसका खुलासा करते हुए कहा कि प्रस्ताव आया है, लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है. बताया जाता है कि यह सलाह नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन की ओर से दिया गया है. गौरतलब है यहीं वह कंपनी है, जो सब्सिडी दरों पर ईंधन बेच रही है और वर्तमान वैश्विक दरों पर भारी नुकसान उठा रही है.

HIGHLIGHTS

  • नेपाल में भी बनते जा रहे श्रीलंका जैसे हालात
  • विदेशों में रह रहे अपने नागरिकों से मांगी मदद
  • पर्टन बंद होने से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
nepal economic crisis economic crisis of nepal economic crisis nepal
Advertisment
Advertisment
Advertisment