अफगानिस्तान (Afghanistan) को अमेरिकी कब्जे से आजाद करा तालिबान (Taliban) राज की वापसी पर अल कायदा ने न सिर्फ बधाई दी है, बल्कि वैश्विक मुस्लिम आबादी वाले देशों से अपील की है कि वह मुस्लिम इलाकों को खाली कराने के लिए जिहाद छेड़े. अल कायदा की इस सूची में कश्मीर (Kashmir) का नाम सबसे ऊपर है. हालांकि इस सूची में चीन के शिनजियांग और रूस के चेचन्या की जिक्र नहीं है. माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के बाद जिस तरह से चीन और रूस ने लचीला रुख अपनाया है, उसकी वजह से अल कायदा (Al-Qaida) ने इन दो मित्र देशों को यह रियायत दी है. कश्मीर के अलावा अल कायदा की इस सूची में लेवंत, सोमालिया, इराक, सीरिया, जॉर्डन आदि का भी नाम है. जाहिर है भारत के लिए यह एक बड़े खतरे की घंटी है.
मुस्लिम इलाकों को जीतने का नारा
पाकिस्तान स्थित अल कायदा के मुख पत्र अस-सहाब ने कहा है, 'अफगानिस्तान में अल्लाह की ओर से दी गई जीत पर बधाई. इस ऐतिहासिक जीत के साथ अब पश्चिमी देशों द्वारा थोपे गए युद्ध से बाकी मुस्लिम इलाकों को आजाद कराने का वक्त आ गया है. अल्लाह, कश्मीर, सोमालिया, लेवंत, यमन और अन्य इस्लामी भूमि को इस्लाम के दुश्मनों के चंगुल से मुक्त कराएं. अल्लाह, दुनिया भर में मुस्लिम कैदियों को आजादी प्रदान करें. हम उस सर्वशक्तिशाली की प्रशंसा करते हैं जिन्होंने सरगना अमेरिका को शर्मिंदा किया और हराया है. हम अमेरिका की रीढ़ तोड़ने, उसकी वैश्विक छवि को खराब करने और अफगानिस्तान की इस्लामिक जमीन से पराजित कर खदेड़ने के लिए सर्वशक्तिमान की तारीफ करते हैं.' हालांकि इस सूची में चेचन्या और शिनजियांग का नाम नहीं होना आतंक के खिलाफ वैश्विक जंग को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है.
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हिज्बुल मुजाहिदीन भी कश्मीर पर हमले की फिराक में
गौरतलब है कि कश्मीर का इसके पहले नाम अल-कायदा ने अपने नए संगठन अंसार गजवातुल हिंद के गठन के वक्त लिया था. इस आतंकी आउटफिट का गठन कश्मीर को आजाद करा वहां इस्लाम का राज स्थापित करने के उद्देश्य के साथ किया गया है. गौरतलब है कि अल-कायदा का अयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान की सुरक्षित पनाहगाह में बैठा है. अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से वह नए सिरे से जम्मू-कश्मीर पर इस्लामी हुकूमत के ख्वाब देखने लगा है. अल-कायदा के अलावा हिज्बुल मुजाहिदीन भी तालिबान लड़ाकों के साथ जम्मू-कश्मीर फतह की साजिश रच रहा है. फिलवक्त अल-कायदा की तालिबान को नए सिरे से बधाई भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के लिए सचेत हो जाने की घंटी है. इसकी एक वजह यही है कि पाकिस्तान न सिर्फ खुल कर तालिबान का साथ दे रहा है, बल्कि अफगानिस्तान में तुर्की के आ जाने से उसे और भी ज्यादा बल मिला है. चीन तो खैर पहले से ही पाकिस्तान को गोद में लिए घूम रहा है.
HIGHLIGHTS
- अल कायदा की सूची में लेवंत, सोमालिया, इराक, सीरिया, जॉर्डन का नाम
- अंसार गजवातुल हिंद का गठन ही जम्मू-कश्मीर की आजादी के लिए किया
- इस सूची में चीन के शिनजियांग और रूस के चेचन्या की जिक्र तक नहीं है