लंबे समय समय तक तालिबान के कब्जे से मुक्त रहे अफगानिस्तान में इस समय बड़ा सियासी फेरबदल होने जा रहा है. तलिबान ने एक बार फिर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. जिसके चलते वहां पर तालिबान के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन होना है. इस सरकार का हेड अली अहमद जलाली को बनाया जा रहा है. जानकारी मिली है किे कुछ ही समय में अफगान सरकार अहमद जलाली को सत्ता ट्रांसफर कर देगी और इसके साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
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सरकार में मंत्री तक रह चुके अली अहमद जलाली
जानकारी के अनुसार अली अहमद जलाली अफगानिस्तान के बड़े नेता के तौर पर तो जाने ही जाते हैं, इसके साथ ही वह कूटनीति के मामले में भी काफी सक्षम समझे जाते हैं. यही नहीं जलाली कई मौकों पर अपने देश का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. इस लिहाज से उनके पास सरकार चलाने का लंबा अनुभव है. अब तक संभाल चुके जिम्मेदारियों की बात करें तो अहमद जलाली एक राजदूत, प्रोफेसर और कर्नल से लेकर सरकार में मंत्री तक रह चुके हैं. जलाली न केवल अफगानिस्तान की राजनीति की भी अच्छी समझ रखते हैं, बल्कि तालिबान पर अच्छी पकड़ रखते हैं.
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जलाली साल 2003 में अफगानिस्तान में वापसी की थी
यह कम ही लोगों को पता होगा कि अली अहमद जलाली अफगानिस्तान में नहीं बल्कि अमेरिका में पैदा हुए थे. जलाली साल 2003 में अफगानिस्तान में वापसी की थी. यह वह दौर था जब अफगानिस्तान में तालिबान का प्रभाव कमजोर हो रहा था और देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत थी. तब अहमद जलाली को अफगान सरकार में इंटीरियर मिनिस्टर बनाया गया था. जिसके बाद वह सितंबर 2005 तक इस पद की जिम्मेदारी संभालते रहे. बताया जाता है कि 80 के दशक में जब अफगानिस्तान में सोवियत संघ के साथ लंबा युद्ध चल रहा था, उस समय भी अहमद जलाली ने एक सक्रिय भूमिका निभाई थी. जलाली उस अफगानिस्तान की सेना में कर्नल के पद पर तैनात थे.
राष्ट्रपति भवन में तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए बातचीत
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए बातचीत चल रही है. अफगान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बारे में कहा जाता है कि वे इस प्रक्रिया में मध्यस्थता कर रहे हैं. सूत्रों ने यह भी कहा है कि अली अहमद जलाली को नई अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया जाएगा. इस बीच, कार्यवाहक आंतरिक और विदेश मामलों के मंत्रियों ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में आश्वासन दिया कि काबुल के लोग सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं. इससे पहले, तालिबान ने एक बयान में, काबुल के निवासियों को डरने का आश्वासन नहीं दिया, क्योंकि उनका इरादा सैन्य रूप से अफगान राजधानी में प्रवेश करने का नहीं है और काबुल की ओर एक शांतिपूर्ण आंदोलन होगा. तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में हर तरफ से अपने बलों को तैयार किया, क्योंकि अमेरिकी नेतृत्व वाले हमले में सत्ता छोड़ने के लगभग 20 साल बाद काबुल के सशस्त्र समूह के अधिग्रहण के लिए तैयार नागरिक घबराए हुए हैं. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि बातचीत के दौरान राजधानी के बाहरी इलाके में लड़ाके बचे हुए हैं.
Source : News Nation Bureau