पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को कहा कि सेना की सभी कार्रवाई संविधान से निर्देशित और राष्ट्र हित में थीं. पाकिस्तान सैन्य अकादमी (पीएमए) काकुल में जवानों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए जनरल बाजवा ने कहा कि सेना सरकार का समर्थन जारी रखेगी और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगी. पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के 70 सालों में से आधे समय से ज्यादा वहां शक्तिशाली सेना का शासन रहा है और सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में उसे काफी अहमियत हासिल है.
जनरल बाजवा की यह टिप्पणी दो प्रमुख राजनीतिक दलों के उन आरोपों के बाद आई है कि शक्तिशाली सेना ने 2018 के चुनावों में हेरफेर की थी जिसके बाद इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी सत्ता में आई थी. पूर्व में राजनेता अप्रत्यक्ष रूप से सैन्य प्रतिष्ठान के राजनीतिक मामलों में दखल का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब दो मुख्य विपक्षी दलों- पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं ने खुल कर सेना की आलोचना की है.
जनरल बाजवा ने कहा कि सेना के सभी काम संविधान से निर्देशित थे और पाकिस्तान के हित में थे. उन्होंने कहा कि जब भी संविधान और कानून के दिशानिर्देशों के मुताबिक कहा जाएगा, सेना सरकार की मदद के लिये आगे आएगी. उन्होंने कहा, हम पाकिस्तानियों ने साबित किया है कि जब कभी भी हम अपने संकीर्ण, संस्थागत और व्यक्तिगत हितों से ऊपर अपने राष्ट्रीय हित को रखते हैं तो हम चमत्कार कर सकते हैं. पीएमएल-एन के प्रमुख और तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि सेना ने प्रधानमंत्री खान को सत्ता में लाने के लिये 2018 के चुनावों में हेरफेर की थी.
भ्रष्टाचार के कई आरोपों का सामना कर रहे शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में अपना इलाज करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्दी पहनकर राजनीति में हस्तक्षेप देश के संविधान के तहत देशद्रोह है. इमरान खान ने शरीफ के आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया था. पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को सेना पर 2018 के चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाया था.
Source : Bhasha/News Nation Bureau