पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश के भष्ट नेता अब जेल जाएंगे और मुल्क को कर्ज के जाल में फंसाने वाले नेताओं तथा अधिकारियों को अब पुराने पड़ चुके राष्ट्रीय मेलमिलाप अध्यादेश (एनआरओ) जैसे किसी कानून से राहत नहीं मिलेगी. यह विवादित अध्यादेश अक्टूबर 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की सरकार ने लागू किया था और इसके तहत सियासी लोगों के खिलाफ मामलों को खत्म कर दिया गया था.
दो साल बाद 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे ग़ैरकानूनी करार दे दिया था. खान बुधवार को लोगों को संबोधित करते हुए नकदी की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान को वित्तीय परेशानियों से निजात दिलाने के लिए अपनाए जा रहे प्रयासों की जानकारी दे रहे थे.
उन्होंने देश की पूर्ववर्ती सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वे मुल्क को 30 लाख करोड़ रूपये के कर्ज में फंसा गए हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार इमरान खान ने कहा, 'वे हमसे एनआरओ चाहते हैं, मैं उन्हें संदेश देना चाहता हूं कि अपने कान खोलकर सुनें...अब किसी को एनआरओ नहीं मिलेगा. किसी भी भ्रष्ट इंसान को बख्शा नहीं जाएगा.'
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उन्होंने याद दिलाया कि देश ने उन्हें इस वादे पर चुना है कि वह 'भ्रष्ट लोगों को सलाखों के पीछे भेजेंगे.' उन्होंने कहा कि जब तक मुल्क से भ्रष्टाचार का समूल नाश नहीं हो जाता तब तक देश का कोई भविष्य नहीं है.
Source : News Nation Bureau