प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के साथ होने वाली अनौपचारिक बैठक पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं।
चीन का सरकारी मीडिया इस बैठक को लेकर अति उत्साहित है।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में मोदी-जिनपिंग की बैठक को दोनों देशों के रिश्ते में 'नए अध्याय' की शुरुआत बताया गया है।
लेख में कहा गया है कि डोकलाम में 72 दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच अविश्वास में बढ़ोतरी हुई है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि बैठक से दोनों देशों के रिश्तों में जारी तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।
वहीं भारत में भी विशेषकर मोदी के प्रधानमंत्री बनने और डोकलाम विवाद के बाद इस बैठक को लेकर काफी उम्मीदें हैं।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सबसे बड़ा और जटिल मुद्दा है।
चीन समय-समय पर न केवल भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण और घुसपैठ करता रहा है बल्कि कई इलाकों पर अपना दावा भी जताता रहा है।
हाल ही में चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया था। वहीं उत्तरी पैंगोंग इलाके में इस साल चीन अब तक तीन बार घुसपैठ करने की कोशिश कर चुका है।
ऐसे में डोकलाम विवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा क्या दोनों देशों के बीच 'नए अध्याय' की शुरुआत में मददगार साबित होगी, इसके बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
वुहान में दोनों नेताओं के बीच बैठक तय है, जिसमें चीन की तरफ से मोदी के भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है।
खबरों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शुक्रवार को माओत्से तुंग के निजी विला में मोदी की आगवानी करेंगे।
माओत्से तुंग को चीन के इतिहास में अब तक का सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है। माओ के इस निजी विला को आम जनता के लिए आखिरी बार 1993 में खोला गया था।
माओ का यह विला झील के किनारे स्थित है और माना जा रहा है कि शी जिनपिंग, मोदी को इस झील में नाव की सवारी करा सकते हैं।
चीनी सेना ने किया स्वागत
मोदी के बीजिंग दौरे का चीनी सेना ने स्वागत किया है।
भारत के साथ डोकलाम में करीब दो महीने से अधिक समय तक गतिरोध की स्थिति में रही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कहा का मोदी और जिनपिंग की बैठक से दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और विवादों के समाधान में मदद मिलेगी।
चीनी सेना के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, 'दोनों देशों के नागरिक भारत और चीनी सेना के बीच स्थित रिश्ते और सीमा पर शांति चाहते हैं।'
शुक्रवार को होने वाली इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच डोकलाम समेत सीमा विवाद के मुद्दे पर बातचीत होने की उम्मीद है।
चीनी सेना के प्रवक्ता का यह बयान इस लिहाज से अहम हो जाता है क्योंकि शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति होने के साथ ही सेना के सुप्रीम कमांडर भी हैं।
सुषमा-सीतारमण की बैठक से बना माहौल
मोदी के पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चीन में समकक्ष मंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है।
सुषमा स्वराज और निर्मला सीतारणम शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए बीजिंग गई थीं।
इसके बाद ही पीएम मोदी के चीन दौरे का कार्यक्रम हुआ था।
बैठक के दौरान सुषमा ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा था।
इस बीच मोदी के वुहान दौरे से पहले चीन ने भारत में बढ़ते निवेश को लेकर खुशी जताई है।
चीन ने बताया है कि साल 2017 के अंत तक भारत में उसका निवेश करीब 532 अरब रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने भारत में बढ़ते निवेश को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाला कदम बताया।
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HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के साथ होने वाली अनौपचारिक बैठक पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं
- खबरों के मुताबिक चीनी प्रधानमंत्री शुक्रवार को माओत्से तुंग के निजी विला में मोदी की आगवानी करेंगे
Source : News Nation Bureau