जम्मू-कश्मीर के अनंनतनाग में अमरनाथ यात्रा पर हुए आतंकवादी हमले की अमेरिका रूस, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन सहित कई देशों ने निंदा की है। अमेरिका ने हमले को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए कहा कि वॉशिंगटन आतंक के खिलाफ नई दिल्ली के साथ है।
व्हाइट हाउस ने कहा, 'भारत और अमेरिका आतंकी खतरों के खिलाफ दुनिया भर में लड़ाई जारी रखेंगे।'
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, 'हम अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हुए हमले पर अफसोस जताते हैं और सभी आतंकवादी कृत्यों की निंदा करते हैं। हम इस हमले से प्रभावित सभी परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।'
वहीं रूसी दूतावास ने एक बयान में सोमवार की रात हुए आतंकवादी हमले को मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध बताया और कहा कि यह दिखाता है कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी किसी धर्म के प्रति आदर नहीं रखते, वे अपने बुरे मंसूबों के लिए बर्बर कृत्य करने के लिए तैयार हैं।
इस आतंकवादी हमले में सात तीर्थयात्री मारे गए हैं। बयान में कहा गया, 'मुश्किल की घड़ी में रूस, भारत के लोगों के साथ खड़ा है।'
फ्रांस के दूतावास ने अपने संदेश में कहा, 'फ्रांस आतंकवाद से मुकाबले में भारत के लोगों व अधिकारियों के साथ अपनी एकजुटता का भरोसा देता है।'
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इसमें कहा गया कि 3 जून को पेरिस में बैठक के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रणनीतिक साझेदारी में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अपनी प्राथमिकता घोषित किया था।
अपने संदेश में जर्मन राजदूत मार्टिन नेय ने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की और कहा, 'जर्मनी आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ दृढ़ता से खड़ा है।'
ब्रिटेन के कार्यवाहक उच्चायुक्त एलेंक्जेंडर इवांस ने हमले की निंदा की और कहा कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। स्पेन ने भी हमले की निंदा की है। स्पेन के प्रधानमंत्री मारिनाओ रजॉय ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में स्पेन का भरोसा कर सकता है।
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Source : News Nation Bureau