अमेरिकी के 18 करोड़ अमेरिकी डॉलर वाले जासूसी ड्रोन को ईरान द्वारा ढेर किए जाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर सैन्य हमला करने की मंजूरी दे दी थी लेकिन फिर अचानक इस फैसले को वापस ले लिया गया. ये सैन्य हमला शुक्रवार को किया जाना था जो बाद में टाल दिया गया. न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि ईरान के रडार और मिसाइल बैटरियों जैसे कुछ इलाकों में ये सैन्य हमला सूर्योदय से पहले करने का निर्देश दिया गया था ताकि ईरान सेना और नागरिकों को कोई नुकसान न हो.
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रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप सरकार की तरफ से किया जाने वाला ये तीसरा सैन्य हमला था जो टाल दिया गया. इससे पहले ट्रंप 2017 और 2018 में सीरिया के ठिकानों पर हमले कर चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक ये साफ नहीं होपा या कि आखिर इस हमले को टाल दिए जाने की वजह क्या थी. क्या इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप का इरादा बदल गया या प्रशासन की रणनीति संबंधी चिंताओं की वजह से इसे टाल दिया गया. अभी तक ये भी साफ नहीं हो पाया है कि ईरान पर अब भी हमले किए जा सकते हैं या नहीं.
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18 करोड़ का ड्रोन मार गिराया तेहरान ने
गौरतलब है कि अमेरिका ने मीडिया रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि ईरान ने उसके 18 करोड़ डॉलर के शक्तिशाली जासूसी ड्रोन को गिरा दिया है. इसके फौरन बाद ईरान ने ऐलान कर दिया कि वह जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. जाहिर है खाड़ी क्षेत्र में बढ़ता तनाव पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है, क्योंकि यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव परमाणु युद्ध तक में तब्दील हो सकता है.