भारत के अलावा अब अमेरिका (America) और ब्रिटेन (Britain) भी खुलकर चीन के खिलाफ सामने आ गए हैं. मंगलवार को लंदन दौरे पर पहुंचे अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका चीन के खिलाफ एक वैश्विक गठबंधन बनाना चाहता है. अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो ने चीन पर कोरोना वायरस महामारी का इस्तेमाल अपने हितों को साधने के लिए करने का भी आरोप लगाया.
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पोम्पियो ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के 5जी नेटवर्क से चीनी कंपनी हुवेई को बैन करने के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि ये बिल्कुल सही कदम था क्योंकि ब्रिटेन का पूरा डाटा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों में जा सकता था. जानकाकों का कहना है कि पोम्पियो बोरिस जॉनसन के चीन विरोधी रुख को और मजबूत करने और इनाम के तौर पर फ्री ट्रेड डील पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन पहुंचे हैं. पोम्पियो ने कहा कि ट्रेड डील जल्द ही फाइनल हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ चीन का कहना है कि चीनी कंपनी को हुवेई को बाहर करने के फैसले से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा, व्यापार को झटका लगेगा और निवेश हतोत्साहित होगा.
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गौरतलब है कि चीन की नीतियों को लेकर विश्व के कई देश चीन खिलाफ मोर्चा खोलते जा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया पहले ही चीन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है. कोरोना वायरस को लेकर चीन लगातार दुनियाभर के देशों के निशाने पर है. भारत के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत चीन के 59 ऐप को बैन कर उसे पहले ही करारा झटका दे चुका है. अब भारत इसी सप्ताह सभी उत्पादों पर देश का नाम शामिल करने के फैसले को अनिवार्य करने जा रहा है. इस फैसले से चीन को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगने की संभावना है.
Source : News Nation Bureau