अमेरिका (America) चीन के खिलाफ अपना मोर्चा खोल रखा है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP)के बढ़ते संशोधनवादी कोशिश में कुछ ऐसा है जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अविश्वसनीय रूप से गंभीरता से लिया है.
कई देशों के साथ चीन की सीमा विवाद को लेकर पोम्पियो ने कहा, 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने हाल ही में भूटान के साथ एक सीमा विवाद दायर किया था. हिमालय की पर्वत श्रेणियों से लेकर वियतनाम के जलक्षेत्र के सेनककु द्वीपों और उससे आगे तक का यह विवाद है. बीजिंग के पास क्षेत्रीय सीमा विवादों को भड़काने का एक पैटर्न है. दुनिया को चीन को इस तरह की बदमाशी की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'
भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर पोम्पियो ने कहा, मैंने इस संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई बार बात की है. चीन ने इस मामले में अविश्वसनीय रूप से आक्रामक कार्रवाई की और भारतीयों ने उस पर बेहतरीन प्रतिक्रिया दी.
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बता दें कि इस समय भारत-चीन सीमा पर वार्ताओं के कई दौर के बाद दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने का सिलसिला शुरू हो चुका है.
माइक पोम्पियो आगे कहा कि सभी अघोषित कम्युनिस्ट शासनों की तरह बीजिंग भी किसी दुश्मन से ज्यादा अपने लोगों की आजाद सोच से डरता है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ विश्वसनीयता की बड़ी समस्या है. वे दुनिया को इस वायरस के बारे में असलियत बताने में असफल रहे जिसकी वजह से सैकड़ों हजारों लोगों की मौत हुई.
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उन्होंने आगे कहा कि दुनिया ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के असली रंग देखे हैं और मैं पहले से कहीं ज्यादा आश्वस्त हूं कि दुनिया के मुक्त लोग खतरे को समझेंगे. शी जिनपिंग का प्रभाव दुनिया की स्वंतत्र और लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा नहीं है.
Source : News Nation Bureau