Advertisment

अब क्या होगा WHO का ! सबसे ज्यादा फंड देता था अमेरिका...चीन तो कहीं नहीं ठहरता

एक लंबे वक्त से अमेरिका सबसे बड़ा फंड देने वाला देश है. अगर अमेरिकी फंड की बात करें, तो पिछले साल उसने डब्ल्यूएचओ में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी जो कि डब्ल्यूएचओ के कुल बजट का 15 फीसदी है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Donald Trump Corona Virus

डब्ल्यूएचओ अमेरिकी फंडिंग रुकने से हो जाएगा बदहाल.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से जूझ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी धमकी पर अमल करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फंडिंग रोक दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती. इसके साथ ही वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की ओर से ऐसे कदम उठाए गए, जिसने चीन की मदद की. यह तब हुआ जब डब्ल्यूएचओ को अमेरिका सबसे अधिक फंडिंग करता है. फिर भी उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार किया गया. अमेरिका में 6 लाख से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और 25 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः तबलीगी जमात के लोगों को किसी ने पनाह दी तो होगी कड़ी कार्रवाई, भारत के दोस्त ने उठाया कठोर कदम

चीन से कहीं ज्यादा डब्ल्यूएचओ को फंडिंग देता है अमेरिका
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनियाभर में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर काम करता है. इस दौरान पूरे साल कुछ ना कुछ प्रोग्राम चलते रहते हैं. इसी के लिए हर देश अपनी ओर से डब्ल्यूएचओ में निवेश करता है, जिसमें एक लंबे वक्त से अमेरिका सबसे बड़ा फंड देने वाला देश है. अगर अमेरिकी फंड की बात करें, तो पिछले साल उसने डब्ल्यूएचओ में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी जो कि डब्ल्यूएचओ के कुल बजट का 15 फीसदी है. अगर इस मुकाबले चीन की बात करें तो उसकी फंडिंग इसके सामने कुछ भी नहीं लगती है.

यह भी पढ़ेंः बढ़ते तापमान में भी नहीं रुक रहा कोरोना संक्रमण, भारत-ब्राजील में दोगुने हुए मामले

WHO को लगा बड़ा झटका
चीन ने इस दौरान 76 मिलियन डॉलर का फंड दिया. इसके अलावा 10 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मदद दी. यानी अब अगर अमेरिका ये फंडिंग रोक देता है, तो डब्ल्यूएचओ को बड़ा झटका लगेगा, जिसकी पुष्टि खुद संगठन ने की है. अमेरिका के फैसले के बाद डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ऐसा फैसला लेने का ये सही वक्त नहीं था. राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया है कि चीन के वुहान शहर में जब कोरोना वायरस के मामले सामने आए, तो डब्लूएचओ उसका आकलन करने में नाकाम रहा. इस कारण कोरोना जैसे जानलेवा वायरस ने पूरी की पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया.

HIGHLIGHTS

  • डब्ल्यूएचओ के बजट का 15 फीसदी देता है अमेरिका.
  • चीन इस फंडिंग के आगे कहीं नहीं ठहरता.
  • डब्ल्यूएचओ पर अमेरिका ने लगाए हैं कई गंभीर आरोप.
America Donald Trump china WHO funding Corona Virus Lockdown
Advertisment
Advertisment