अमेरिका के नए निजाम को भी पाकिस्तान के आतंकवाद पर ढुलमुल रवैये का पता चल ही गया. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के अहमद उमर सईद शेख को रिहाई संबंधी आदेश पर अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उमर 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का मुख्य आरोपी है. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सिंध प्रांतीय सरकार की ओर से सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) द्वारा आरोपी व्यक्तियों को रिहा करने के फैसले के खिलाफ दायर की गई अपील को खारिज कर दिया. इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी विदेश टोनी ब्लिंकेन ने कहा है कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के फैसले के खिलाफ सिंध सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें शेख की सजा को पलटने की बात कही गई है. अपने फैसले में न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने संदिग्ध को रिहा करने का निर्देश दिया. पीठ में शामिल केवल एक सदस्य ने फैसले का विरोध किया. यह फैसला सिंध सरकार द्वारा एसएचसी के उस फैसले को चुनौती देने के बाद आया है, जिसमें 2 अप्रैल को मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को सात साल कर दिया गया, जबकि तीन अन्य लोग जो उम्रकैद की सजा काट रहे थे, उन्हें रिहा कर दिया गया था. हालांकि सिंध प्रांतीय सरकार ने एमपीओ अध्यादेश 1960 के तहत चारों लोगों की तत्काल हिरासत का आदेश दिया. एसएचसी ने 24 दिसंबर 2020 को इसे अयोग्य ठहराते हुए आरोपियों की तत्काल रिहाई के आदेश दिए थे.
पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे की उमर शेख की रिहाई के आदेश के बाद अब अमेरिका ने पाकिस्तान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने कहा है कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है. ब्लिंकेन ने यह भी कहा है कि अपने नागरिक के साथ भयावह अपराध करने के लिए अमेरिका भी उमर शेख को सजा देने के लिए पूरी तरह तैयार है. ब्लिंकेन ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों की जल्द से जल्द समीक्षा करेगी. हम एक अमेरिकी नागरिक के खिलाफ भयानक अपराधों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में शेख के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भी तैयार हैं.'
2002 में कराची में 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का सिर कलम करके हत्या कर दी गई थी. पर्ल का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे. इसके बाद पर्ल का सिर कलम करके हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगी फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को कोट ने अपहरण और हत्या के केस में दोषी ठहराया था. सिंध उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2020 में उमर शेख की मौत की सजा को पलट दिया था और उसे सात साल कारावास की सजा सुनाई थी और तीन अन्य आरोपियों फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को बरी कर दिया था.
Source : News Nation Bureau