अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर दावा किया है कि चीन 740 करोड़ डॉलर के अमेरिकी रक्षा बिल का सबसे बड़ा विजेता होगा, इस पर वो अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करेंगे. हालांकि राष्ट्रपति ने अपने इस ट्वीट में इस बारे में और कुछ खुलासा नहीं किया है. वहीं रोड आइसलैंड के सीनेटेर जैक रीड ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप न तो बिल को सही तरह से पढ़ा है और न ही उसको समझ पाए हैं कि आखिर उसमें क्या है.
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उन्होंने कहा है कि इस बिल में कई द्विदलीय प्रावधान मौजूद हैं जो चीन पर ट्रंप प्रशासन से अधिक सख्त होंगे. उनका ये भी कहना है कि इससे पहले कभी किसी ने भी चीन पर इतनी सख्ती नहीं दिखाई है. वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक सालाना रक्षा बिल में अमेरिका की भारतीय प्रशांत क्षेत्र में सैन्य क्षमता को बढ़ाने, अतिरिक्त सबमरीन के फंड मुहैया कराने और चीन के खिलाफ अधिक मजबूत करने के लिए मेरिटाइम फोर्स बनाने का प्रावधान किया गया है.
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सदन ने साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम के लिए नए निदेशक के पद का सृजन भी किया है. इस पद पर मौजूद व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी कि वो चीन पर आत्मनिर्भरता को कम करने की राह तैयार करे. इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका को मजबूती प्रदान करे. स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन और तुर्की को एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम बेचे जाने पर मुहर लगा दी है. इस प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया गया है.
Source : News Nation Bureau