इमरान खान ने तख्ता पलट का अमेरिका पर आरोप लगा बड़ा बैर मोल लिया

दुर्रानी ने लिखा कि इमरान खान ने पीपुल्स पार्टी के मरहूम संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutoo) की रणनीति का पालन किया है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Asad Durrani

पूर्व आईएसआई प्रमुख असद दुर्रानी ने इमरान खान को घेरा. ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी (Asad Durrani) का मानना है कि इमरान खान (Imran Khan) के उन आरोपों को अमेरिका आसानी से नहीं भूल पाएगा कि वह उन्हें हटाने की साजिश में शामिल था. एक सोशल मीडिया ब्लॉग पर अपना पोस्ट प्रसारित करते हुए दुर्रानी ने लिखा कि इमरान खान ने पीपुल्स पार्टी के मरहूम संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutoo) की रणनीति का पालन किया है. जनरल दुर्रानी एक स्पष्ट पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी और आईएसआई प्रमुख हैं. उन्होंने भारत के अनुसंधान और विश्लेषण विंग के अब सेवानिवृत्त सचिव ए.एस. दुलत के साथ 'द स्पाई क्रॉनिकल्स' नामक पुस्तक का सह-लेखन किया. एक लेखक के रूप में उनका सबसे हालिया प्रयास 'फिक्शन ऑनर अमंग स्पाइज' है. उनकी अपरंपरागतता ने पाकिस्तान में मौजूद शक्तियों को ज्यादा खुश नहीं किया है.

इमरान ने भुट्टो का दगा कारतूस ही चलाया
उन्होंने लिखा, 'जुल्फिकार अली भुट्टो ने 1977 में इस कार्ड का प्रसिद्ध रूप से इस्तेमाल किया था, जब चुनावी धांधली के बाद विपक्ष उनके खिलाफ लामबंद हो गया था, मगर चाल उलट गई.' भुट्टो को एक सैन्य तख्तापलट में जनरल जिया-उल-हक ने सत्ता से बाहर कर दिया था और तानाशाह द्वारा उन्हें दुखद रूप से मृत्युदंड दिया गया था. जनरल ने आगे लिखा, 'चूंकि आईके (इमरान खान) ने जेडएबी (जुल्फिकार अली भुट्टो) की किताब से एक पेज निकाल लिया है, इसलिए उन्हें यह याद रखना अच्छा होगा कि उनके फांसी दिए गए पूर्ववर्ती ने एक बार हाथियों के रूप में उनकी आम दासता को लेबल किया था. प्रजातियां अपनी उल्लेखनीय स्मृति के लिए जानी जाती हैं.'

यह भी पढ़ेंः Army के लिए टूर ऑफ ड्यूटी की तैयारी, CAG भी है कमी से चिंतित

इमरान को हटाने के पीछे अमेरिकी हाथ नहीं
दुर्रानी ने लोगों को मजबूती से सुझाव दिया कि वर्तमान सेना प्रमुख द्वारा दिए गए एक असामान्य बयान के महत्व को देखें. उन्होंने कहा, 'जब (जनरल कमर) बाजवा ने यूक्रेन संकट पर एक रुख अपनाया, जो सरकार की नीति के अनुरूप नहीं था, क्या यह यैंक्स को शांत करने के लिए कुछ सुलह के शोर करने के लिए था? आईके की 'साजिश थीसिस' के साथ अपनी असहमति व्यक्त करें या इसे अपने पसंदीदा प्रधानमंत्री के लिए बुरी खबर का अग्रदूत मानें?' जनरल ने पाकिस्तान के विपक्षी दलों द्वारा खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने में अमेरिकी हाथ को प्रभावी ढंग से खारिज कर दिया.

चुप रहते इमरान तो रहते फायदे में
उन्होंने तर्क दिया, 'मार्च की शुरुआत तक पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) की सरकार को गिराने के लिए विपक्ष का कदम न केवल अपने रास्ते पर था, बल्कि वास्तव में बहुत अच्छे आकार में दिख रहा था. अगर उस स्तर पर एक अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री को वाशिंगटन में हमारे राजदूत को चेतावनी देनी थी कि पोटस (संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन) ने इमरान को दरवाजा दिखाने का फैसला किया था, इसने केवल एक ही मकसद पूरा किया : अविश्वास कदम की साख को नष्ट करना. क्या यह समझदारी नहीं होती कि चुप रहकर 'अमेरिकी समर्थित आंदोलन' को उसके 'वांछनीय' अंत तक आने देते?'

यह भी पढ़ेंः आज IGL ने फिर दिया CNG पर झटका, अब इतने रुपये बढ़ी कीमत

इतिहास भरा पड़ा नजीरों से
असैन्य पाकिस्तानी प्रधानमंत्रियों को पद से हटाए जाने के पिछले उदाहरणों का उल्लेख करते हुए दुर्रानी ने कहा, '1989 में एक अविश्वास प्रस्ताव का सामना करते हुए बेटी (जुल्फिकार अली भुट्टो की बेनजीर भुट्टो) ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति, बड़े (जॉर्ज) बुश से पाकिस्तान में लोकतंत्र को बचाने की अपील की थी. 1999 में नवाज शरीफ ने संभावित सैन्य तख्तापलट के खिलाफ (बिल) क्लिंटन की मदद लेने के लिए अपने भाई को भेजा था और सितंबर 2008 में मुशर्रफ अपने चेस्टनट को आग से बाहर निकालने के लिए एमिस (अमेरिकियों) पर भरोसा कर रहे थे. मगर उनमें से कोई काम नहीं आया.'

HIGHLIGHTS

  • पूर्ल आईएसआई प्रमुख असद दुर्रानी ने लिया इमरान को लिया आड़े हाथों
  • नियाजी खान ने जुल्फिकार अली भुट्टों की रणनीति का ही किया पालन
  • इमरान खान ने चुप नहीं रह कर समझदारी का परिचय कतई नहीं दिया
ISI pakistan imran-khan पाकिस्तान इमरान खान America आईएसआई Coup तख्तापलट Zulfikar Ali Bhutoo Asad Durrani असद दुर्रानी जुल्फिकार अली भुट्टो
Advertisment
Advertisment
Advertisment