Advertisment

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसैनिक गतिविधियां बढ़ी, युद्ध की आशंका प्रबल

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में करीब तीन साल में पहली बार तीन अमेरिकी (American) विमानवाहक पोत गश्त कर रहे हैं जो अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच बढ़ते तनाव से प्रभावित क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के बड़े शक्ति प्रदर्शन को दर्शाता है और इस बात का संक

author-image
Nihar Saxena
New Update
American Navy

अमेरिकी नौसेना की गतिविधियां बढ़ीं.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में करीब तीन साल में पहली बार तीन अमेरिकी (American) विमानवाहक पोत गश्त कर रहे हैं जो अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच बढ़ते तनाव से प्रभावित क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के बड़े शक्ति प्रदर्शन को दर्शाता है और इस बात का संकेत भी है कि नौसेना कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप के बुरे दिनों से उबर गयी है. नौसेना के क्रूजर, विध्वंसक पोतों, लड़ाकू विमानों और अन्य विमानों के साथ असामान्य तरीके से तीन युद्धपोत ऐसे समय में एक साथ नजर आए हैं जब अमेरिका ने कोरोना वायरस से निपटने के चीन के तौर-तरीकों की आलोचना तेज कर दी है. उसने हांगकांग पर व्यापक नियंत्रण करने के कदमों और दक्षिण चीन सागर में मानव निर्मित द्वीपों पर सैन्य मौजूदगी के चीन के अभियान की भी आलोचना की है.

सेंटर फॉर स्ट्रटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में चाइना पॉवर प्रोजेक्ट के निदेशक, बोनी ग्लेजर ने कहा, 'चीनी लेखों में कुछ इस तरह के संकेत मिले हैं कि अमेरिका कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित है, उसकी सैन्य तैयारियां कम हैं, शायद इसलिए अमेरिका ने चीन को यह संदेश देने के लिए प्रयास किया है कि उसे गलत आकलन नहीं करना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'चीनी पक्ष इसे निश्चित रूप से अमेरिका की ओर से उकसावे वाली कार्रवाई तथा क्षेत्र में अमेरिका के अस्थिरता के स्रोत होने के प्रमाण के तौर पर प्रदर्शित करेगा.' अमेरिका में कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के तरीकों को लेकर खुद आलोचनाओं का सामना कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में चीन को लगातार आड़े हाथ लिया है. वह मानते हैं कि चीन ने कोविड-19 के खतरे के बारे में दुनिया को सही से आगाह नहीं किया.

क्षेत्र में तीन विमानवाहक हमलावर पोतों का एक साथ दिखना इसलिए भी असामान्य है क्योंकि इनकी संख्या सीमित है. इसके अलावा ये अक्सर मरम्मत में, बंदरगाहों के निरीक्षण में, प्रशिक्षण में लगे होते हैं या दुनिया के दूसरे हिस्सों में तैनात होते हैं. हालांकि अमेरिकी नौसेना के कमांडरों ने इस सप्ताह कहा था कि वे खासकर चीन के साथ इस बड़ी स्पर्धा के दौर में समय का लाभ उठा पा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति में चीन को सुरक्षा संबंधी प्रमुख चिंता बताया गया है, वहीं पेंटागन के नेता और अधिक संसाधनों तथा सैन्य परिसपंत्तियों को क्षेत्र में पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. हिंद-प्रशांत कमान में परिचालन निदेशक, रियर एडमिरल स्टीफन कोहलर ने कहा, 'मजबूत तरीके से मौजूदगी की क्षमता स्पर्धा का ही हिस्सा है. और जैसा कि मैं यहां अपने साथियों से हमेशा कहता हूं, जब आप स्पर्धा में हैं तो आपको जीतने के लिए मौजूद रहना होगा.'

उन्होंने कहा, विमानवाहक पोत और हमलावर समूह अमेरिकी नौसैनिक शक्ति के प्रतीक हैं. हमें इस समय तीन विमानवाहक पोत मिल गये, इससे मैं बहुत उत्साहित हूं.' कोहलर ने हवाई में अपने दफ्तर से बातचीत में कहा कि चीन धीरे-धीरे और क्रमिक तरीके से दक्षिण चीन सागर में सैन्य चौकियां बना रहा है, वहां मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली तैनात कर रहा है. वहीं, अमेरिका और अन्य सहयोगी तथा साझेदारों ने क्षेत्र में परिचालन बढ़ा दिये हैं. कोहलर ने कहा कि चीन ने हाल ही में स्प्रेटली द्वीप समूह में फियरी क्रॉस रीफ पर विमान तैनात किया था.

Source : News Nation Bureau

china us navy american Indo-China
Advertisment
Advertisment