फेसबुक (Facebook) के सीईओ मार्क जकरबर्ग (Mark Zukerberg), अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sunder Pichai) और ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी से कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्ट की धारा 230 के तहत बुधवार को एक अमेरिकी पैनल द्वारा पूछताछ की जाएगी. सुनवाई में गोपनीयता और मीडिया के वर्चस्व के विषय भी होंगे. कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्ट की धारा 230 पर इन सीईओ को गवाही देनी है, जो तकनीकी कंपनियों को यूजर्स द्वारा उनकी ऑनलाइन सेवाओं पर पोस्ट की गई सामग्री पर जिम्मेदारी से बचाता है.
इस महीने की शुरूआत में अमेरिकी सीनेट वाणिज्य समिति ने पैनल के समक्ष गवाही देने के लिए फेसबुक, गूगल और ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को तलब करने के लिए मतदान किया. जुलाई में हाउस एंटीट्रस्ट सबकमेटी के सामने एप्पल के सीईओ टिम कुक और एमेजॉन के सीईओ जेफ बेजोस के साथ गवाही के बाद से सुनवाई में जकरबर्ग और पिचाई की कांग्रेस के समक्ष पहली उपस्थिति होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 28 मई के कार्यकारी आदेश में 1996 कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्ट की धारा 230 को कुंद करने की मांग की गई जो आम तौर पर इंटरनेट कंपनियों को यूजर्स की टिप्पणियों के लिए कानूनी जिमेमदारी से बचाता है. इस बीच अमेरिकी सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी ने भी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और उनके बेटे हंटर बिडेन पर एक मीडिया लेख को दबाने के मामले में 17 नवंबर को इसके सामने जकरबर्ग और डॉर्सी को गवाही देने के लिए कहा है.
Source : IANS/News Nation Bureau