रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच अब अमेरिका के निशाने पर चीन आ गया है. अमेरिका ने चीन पर रूस की मदद करने करने का आरोप लगाया. संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि चीन रूस को बैन से हो रहे नुकसान की भरपाई न करे. अमेरिका ने चीन के खिलाफ भी प्रतिबंध की धमकी दी. अमेरिका ने कहा कि चीन ने अगर रूस की मदद की तो उसको भारी अंजाम भुगतने होंगे. वहीं, इस बीच कल इटली में अमेरिकी सुरक्षा सुलाहकार से चीन की राजनयिक मुलाकात करेंगे. दोनों पक्षों में यूक्रेन संकट को लेकर बातचीत हो सकती है.
आर्थिक नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करने की अनुमति नहीं देंगे
आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि संयुक्त राज्य के अधिकारियों ने बीजिंग को सूचित किया है कि अगर पीआरसी रूस को पश्चिमी प्रतिबंधों से होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद करने की कोशिश करता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. रिया नोवोस्ती ने सुलिवन के हवाले से कहा, "हम इस बात की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि चीन वास्तव में रूस को किस हद तक सामग्री और आर्थिक सहायता देता है." उनके अनुसार, "अमेरिकी अधिकारियों ने बीजिंग को सूचित किया कि वे किसी भी देश को रूस को उसके आर्थिक नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करने की अनुमति नहीं देंगे."
पश्चिमी देश चीन पर दबाव डाल रहे हैं
इससे पहले, रूसी वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव ने कहा कि पश्चिमी देश चीन पर दबाव डाल रहे हैं, ताकि रूस के युआन भंडार तक पहुंच को सीमित किया जा सके. स्टेट काउंसिल ऑफ चाइना के प्रीमियर ली केकियांग ने कहा कि रूस पर पश्चिमी प्रतिबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी को प्रभावित करेंगे और सभी पक्षों को नुकसान पहुंचाएंगे. रिया नोवोस्ती ने उनके हवाले से कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से ही महामारी के भारी प्रभाव में है, संबंधित प्रतिबंधों से वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी प्रभावित होगी और इससे किसी भी पक्ष को कोई फायदा नहीं होगा."
Source : News Nation Bureau