एक तरफ जहां पूरी दुनिया चीन (China) के द्वारा दिए गए संकट कोरोना वायरस (Corona Virus) से जूझ रही है, वहीं चीन का सदाबहार दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) भी कोविड संक्रमण की आड़ में आतंकवाद (Terrorism) को लेकर अपने नापाक मंसूबे पूरे करने में लगा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) को लग रहा है कि अमेरिका फिलहाल कोरोना संक्रमण से जंग में व्यस्त है. ऐसे में उसने अपनी पहुंच और दबाव का इस्तेमाल कर अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल (Daniel Perl) की निर्मम हत्या में पिछले 18 साल से जेल में बंद खूंखार आतंकवादी अहमद उमर शेख सईद (Umar Sheikh) की जल्द रिहाई का रास्ता तैयार कर लिया है. इसकी शुरुआत में पाकिस्तान की एक अदालत ने उमर की फांसी को 7 साल की जेल में बदल दिया है. गौरतलब है कि उमर वही दुर्दांत आतंकी है, जिसे भारत ने 1999 में कंधार (Kandahar) में एयर इंडिया के विमान को छोड़ने के बदले में रिहा किया था. हालांकि इस पर अमेरिकी विदेश मामलों की हाउस कमेटी के चेयरमैन ने चेतावनी भरे लहजे में पाकिस्तान को आगाह किया है.
आईएसआई की साजिश
जाहिर है कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों और उनके आकाओं पर कठोर कार्रवाई के कितने पक्ष में है. पाकिस्तानी अखबार दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रिटेन में जन्मे अहमद उमर शेख को आतंकवाद निरोधी अदालत ने जो सजा सुनाई थी, उसे सिंध उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पलट दिया. अदालत ने उम्रकैद की सजा काट रहे सईद के तीन अन्य साथियों फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि सईद को मौत की सजा की जगह 7 साल की सजा दी जाए. यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका समेत पूरी दुनिया कोरोना संकट में फंसी हुई है. माना जा रहा है कि आईएसआई ने कोर्ट के फैसले के बहाने एक बड़ी साजिश रची है.
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आईएसआई की निशाने पर कश्मीर
सूत्रों खासकर खुफिया इनपुट के मुताबिक आईएसआई और पाकिस्तानी सेना का मानना है कि उमर सईद के बाहर आने से कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना और आसान हो जाएगा. दरअसल, कश्मीर में भारतीय सेना की जोरदार कार्रवाई ने आतंकवादियों की कमर तोड़ दी है. इसके अलावा लश्कर प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद और जैश सरगना पर अमेरिका की नजर है. इन्हीं दोनों की वजह से पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पा रहा है. गौरतलब है कि उमर सईद ने ही 1994 में कश्मीर में 4 विदेशी पर्यटकों का अपहरण कर लिया था. बाद में सुरक्षा बलों ने एक कार्रवाई में उमर सईद को गिरफ्तार किया था. उमर गाजियाबाद समेत देश की कई जेलों में रहा है.
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कांधार विमान अपहरण में छोड़ गया था
1999 में एयर इंडिया के विमान के अपहरण के बाद जिन आतंकवादियों को छोड़ा गया, उनमें उमर सईद भी शामिल था. अब आईएसआई 46 साल के सईद का इस्तेमाल एकबार फिर से भारत में आतंकी वारदातों को बढ़ाने में कर सकती है. अदालत के इस फैसले पर इमरान सरकार भी असमंजस में है. उनकी सरकार अभी तक यह फैसला नहीं कर सकी है कि इस फैसले के खिलाफ अपील की जाए या नहीं. चूंकि सईद 18 साल जेल की सजा काट चुका है, इसलिए उसके रिहा होने की संभावना प्रबल हो गई है.
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इमरान सरकार के मंत्री के इशारे पर फैसला
याद रहे कि 2002 में वॉलस्ट्रीट जनरल के खोजी पत्रकार डेनियल पर्ल की उमर सईद और उसके साथियों ने मिलकर गला रेतकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद उमर सईद फरार चल रहा था। बाद में अमेरिका के चौतरफा दबाव पड़ने पर उमर सईद ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इस अधिकारी का नाम था एजाज शाह. यह वही एजाज शाह हैं जो आज इमरान खान सरकार में गृह मंत्री हैं. एजाज के गृहमंत्री रहने के दौरान यह फैसला आने से पूरे मामले में आईएसआई की भूमिका एकबार फिर से उजागर हो गई है.
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हालांकि अमेरिका ने दी चेतावनी
आतंकी उमर सईद शेख की रिहाई की खबर मिलने के बाद अमेरिकी विदेश मामलों की हाउस कमिटी के चेयरमैन ने चेतावनी भरे लहजे में पाकिस्तान को आगाह किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अदालत ने आतंकी उमर की सजा को जिस तरह से बदला है वह चिंता की बात है. यह काफी जरूरी है कि पाकिस्तान अपनी बेहद पुरानी आतंकवाद की समस्या के खिलाफ वास्तविक प्रतिबद्धता दर्शाए.' गौरतलब है कि आतंकवाद निरोधी अदालत की फांसी की सजा के फैसले को सिंध उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पलट दिया और अमर शेख को अमेरिकी पत्रकार के अपहरण का दोषी मानते हुए केवल 7 साल की सजा सुनाई. इसी के साथ इस अपराध में उमर शेख का साथ देने वाले तीन अन्य साथियों फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को बरी कर दिया. इन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान कोविड संक्रमण की आड़ में आतंकवाद पर नापाक मंसूबे पूरे करने में लगा.
- अमेरिकी पत्रकार के हत्यारे आतंकी अहमद उमर शेख की रिहाई का रास्ता तैयार किया.
- भारत ने 1999 में कंधार में एयर इंडिया के विमान को छोड़ने के बदले रिहा किया था.