मई के महीने में पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प के बाद जारी गतिरोध के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पश्चिमी थिएटर कमान के लिए जनरल झांग शुडोंग को नया कमांडर नियुक्त किया है. यह कमान चीन-भारत सीमा पर निगरानी रखती है. हालांकि जनरल झांग को इस कमान का कतई अनुभव नहीं है. हालांकि डोकलाम गतिरोध के दौरान जनरल झांग पश्चिमी थिएटर कमांड का नेतृत्व किया था.
इस कमांड का नहीं है अनुभव
जनरल झांग को पश्चिमी थिएटर, तिब्बत या शिनजियांग में कोई पूर्व अनुभव नहीं है. उन्होंने अपना करियर पूर्वोत्तर शेनयांग सैन्य क्षेत्र (अब उत्तरी थिएटर कमान के तहत) में बिताया है. इसके अलावा राष्ट्रपति शी ने चार वरिष्ठ चीनी सैन्य और सशस्त्र पुलिस अधिकारियों को पदोन्नत किया है. जिन अन्य अधिकारियों को पदोन्नत किया गया, उनमें गुओ पॉक्सियाओ, सीएमसी के लॉजिस्टिक सपोर्ट डिपार्टमेंट के राजनीतिक कमिश्नर ली वीए, पीएलए स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के राजनीतिक कमांडर और वैंग चिंगारी, कमांडर शामिल है.
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पश्चिमी थियेटर कमांडर ने दी थी हमले की अनुमति
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में मई में भारत-चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद गए थे. वहीं चीन की ओर से अपने सैनिकों की मौत को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पश्चिमी थियेटर कमांडर प्रमुख झाओ जोंगकी ने गलवान में हमले की अनुमति दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक झाओ भारतीय सैनिकों पर हमला कर भारत को सबक सीखाना चाहता था.
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क्रूर जनरल है झांग
65 वर्षीय जनरल झांग ने 2017 डोकलाम गतिरोध के दौरान पश्चिमी थिएटर कमान का नेतृत्व किया था, जहां भारतीय सेना पीएलए के भूटान के दावे वाले क्षेत्र में भारतीय सीमा के करीब सड़क बिछाने की योजना के खिलाफ खड़ी थी. झांग को चीनी सेना में बहुत क्रूर जनरल माना जाता है जो घात लगाकर हमले करते रहे हैं. जनरल झाओ चाहते थे कि डोकलाम में और ज्यादा जमीन को हड़प लिया जाए.
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शी और झांग हैं शांक्सी प्रांत के क्रांतिकारी हीरो
राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जनरल झाओ दोनों ही सीपीसी के शांक्सी प्रांत के क्रांतिकारी हीरो में शामिल थे. 1979 में वियतनाम युद्ध के दौरान उन पर भीषण हमला हुआ था लेकिन वह बच निकले थे. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि जनरल झाओ वर्ष 1979 में हुए वियतनाम युद्ध के दौरान पीएलए में थे और माना जाता है कि उनके कुप्रबंधन की वजह से विवाद काफी बढ़ गया था.