जर्मनी की संसद ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देश के नौवें चांसलर के तौर पर ओलाफ शोल्ज को निर्वाचित किया. इसके साथ ही एंजेला मर्केल के 16 साल के कार्यकाल के बाद यूरोपीय संघ के सबसे घनी आबादी वाले देश में एक नए युग की शुरुआत हो गयी है.
शोल्ज सरकार जर्मनी के आधुनिकीकरण और जलवायु परिवर्तन से लड़ने की भारी उम्मीदों के बीच कार्यभार संभालने जा रही है, लेकिन अभी उसके सामने देश में कोरोना वायरस महामारी से निपटने की चुनौती है.
शोल्ज को बुधवार को 395 सांसदों का समर्थन मिला. उनके तीन दलों वाले गठबंधन के पास 736 सीट वाले संसद के निचले सदन में 416 सीटें हैं. जर्मनी के राष्ट्रपति चांसलर के तौर पर शोल्ज के नाम की औपचारिक घोषणा करेंगे और संसद के अध्यक्ष उन्हें शपथ दिलाएंगे.
63 साल के ओलाफ स्कोल्ज सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हुए हैं. वह कई राजनीतिक पदों पर रहे हैं. वह संसद सदस्य के साथ ही हैमबर्ग शहर के मेयर, श्रम मंत्री और वित्त मंत्री रहे हैं. जर्मनी में उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से की जाती है. गौरतलब है कि सितंबर में हुए जर्मनी के आम चुनाव में मध्यमार्गी वामपंथी सोशल डेमोक्रेट पार्टी ने सर्वाधिक मत हासिल किए हैं और बेहद करीबी मुकाबले में निर्वतमान चांसलर एंजेला मर्केल की दक्षिणपंथी झुकाव वाले यूनियन ब्लॉक को हरा दिया.
HIGHLIGHTS
- जर्मनी के नौंवे चांसलर होंगे ओलाफ शोल्ज
- घरेलू स्तर पर शोल्ज को बाइडन कहते हैं
- 16 साल के शासन के बाद मर्केल की विदाई