आर्मीनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) के बीच रविवार को अलगाववादी नागोरनो-करबाख इलाके को लेकर युद्ध शुरू हो गया. नगोरनो-करबाख सेना के उप प्रमुख अरतुर सरकिसियान ने बताया कि इस लड़ाई में 16 लोगों की मौत हो गयी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन लोगों में सैनिकों और आम नागरिकों की संख्या कितनी है. इससे पहले आर्मीनिया के मानावधिकार लोकपाल ने बताया था कि हमले में एक महिला और एक बच्चे की मौत हुई है. वहीं अजरबैजान के राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सेना को नुकसान पहुंचा है. आर्मीनिया ने अजरबैजान के दो हेलीकॉप्टरों (Helicopters) को मार गिराने और तीन टैंकों (Tanks) को तोप से निशाना बनाने का भी दावा किया है लेकिन अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इन दावों का खंडन किया है.
अजरबैजान की सीमा में मौजूद आर्मीनियाई जाति के लोगों के इलाके में रविवार सुबह लड़ाई शुरू हुई. 1994 में अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से ही यह इलाका आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जाति के लोगों के नियंत्रण में है. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि किस वजह से लड़ाई शुरू हुई. जुलाई में दोनों पक्षों के बीच संघर्ष के बाद यह सबसे बड़ी लड़ाई है. जुलाई में दोनों पक्षों के कुल 16 लोगों की मौत हुई थी. नगोरनो-करबाख के अधिकारियों ने बताया कि अजरबैजान से की ओर से दागे गए गोले राजधानी स्टेपनाकर्ट और मार्टाकर्ट एवं मार्टुनी कस्बों में गिरे.
आर्मीनियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आर्टसरन होवहानिसियन ने कहा कि अजरबैजान की ओर से दागे गोले आर्मीनिया की सीमा में वर्डनिस कस्बे के पास गिरे. आर्मीनियाई रक्षा मंत्रालय के एक अन्य प्रवक्ता सुशान स्टेपनयन ने दावा किया कि आर्मीनिया की सेना ने अजरबैजान के दो हेलीकॉप्टरों को मार गिराया और तीन टैंकों को निशाना बनाया है. अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने टेलीविजन के जरिये राष्ट्र को दिए संदेश में कहा कि आर्मीनिया की बमबारी की वजह से अजरबैजान के सैनिकों और नागरिकों का नुकसान हुआ है. हालांकि उन्होंने इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी.
राष्ट्रपति ने दुश्मन सेना के कई यूनिट के सैन्य उपकरणों को भी नष्ट करने का दावा किया. मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखोरोवा ने कहा कि रूसी विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम कराने के लिए गहन संपर्क कर रहे हैं और हालात को स्थिर करने के लिए बातचीत शुरू की है. इस मामले में अजरबैजान के सहयोगी तुर्की में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता उमर सेलिक ने ट्वीट किया, ‘हम अजरबैजान पर आर्मीनिया के हमले की कड़ी निंदा करते हैं. आर्मीनिया ने एक बार फिर उकसावे की कार्रवाई की है और कानूनों को नजर अंदाज किया है.’
उन्होंने कहा कि तुर्की अजरबैजान के साथ खड़ा रहेगा. सेलिक ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘आर्मीनिया आग के साथ खेल रहा है और क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहा है.’ तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलीन ने ट्वीट किया, ‘आर्मीनिया ने नागरिक इलाकों पर हमला कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत इस खतरनाक उकसावे को बंद करने के लिए कहना चाहिए.’ गौरतलब है कि अधिकतर पहाड़ी इलाके से घिरा नगोरनो-करबाख 4,400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और आर्मीनिया की सीमा से करीब 50 किलोमीटर दूर है. आर्मीनिया की सेना से समर्थन पाकर स्थानीय लोगों ने अजरबैजान के कुछ इलाकों पर भी कब्जा कर रखा है. वेटिकन में कैथोलिक धर्म के शीर्ष नेता पोप ने रविवार को कहा कि वह दोनों देशों के बीच शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. उन्होंने दोनों देशों से आह्वान किया कि वे सद्भावना और बंधुत्व के ठोस आधार पर संवाद के जरिये शांतिपूर्ण समाधान की पहल करें.
Source : Bhasha/News Nation Bureau