म्यांमार ने पहली बार इस बात को स्वीकार किया है कि उसके सुरक्षा बल सितंबर 2017 में गुए में रोहिंग्या नरसंहार में शामिल थे।
सेना प्रमुख के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में इस बात को स्वीकार किया गया है कि रोहिंग्या के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ।
संबंधित नरसंहार 2 सितंबर को राखाइन राज्य के इन दिन में हुआ था। बयान में कहा गया है, 'इन दिन गांव के कुछ लोगों और सुरक्षा बलों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने दस बंगाली आतंकियों को मारा था।'
फेसबुक पर जारी इस पोस्ट में पहली बार राखाइन राज्य में रोहिंग्या के सामूहिक कब्रगाह की बात स्वीकार की गई है। गौरतलब है कि इन दिन में हुई हिंसा के बाद पूरे म्यांमार में हिंसा फैल गई थी, जिसकी वजह से म्यांमार से बड़े पैमाने पर रोहिंग्या का पलायन हुआ था।
बयान में कहा गया है, 'रोहिंग्या को मार देने के बाद उन्हें दफनाने की योजना बनाई गई।' रोहिंग्याओं के पलायन की वजह से म्यांमार सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि अभी तक म्यांमार सेना इन आरोपों को खारिज करती रही है।
और पढ़ें: म्यांमार हिंसा: रोहिंग्या विद्रोहियों का युद्धविराम का ऐलान, 3 लाख रोहिंग्या कर चुके हैं पलायन
HIGHLIGHTS
- म्यांमार ने पहली बार इस बात को स्वीकार किया है कि उसके सुरक्षा बल सितंबर 2017 में गुए में रोहिंग्या नरसंहार में शामिल थे
- सेना की तरफ से जारी बयान में इस बात को स्वीकार किया गया है कि रोहिंग्या के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ
Source : News Nation Bureau