पाकिस्तान में सेना के इकबाल का आलम इस घटना से समझ आ सकता है. वहां की एक सैन्य अदालत ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से इस्तीफे की मांग करने वाले पाकिस्तान सेना के एक रिटायर्ड मेजर जनरल के बेटे को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है. द न्यूज इंटरनेशनल के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि युवक ने जनरल बाजवा को दिए गए 'सेवा विस्तार' पर चिंता जताते हुए एक पत्र लिखा और उनसे इस्तीफा मांगा था. सैन्य अदालत ने मेजर जनरल (रि.) जफर मेहदी अस्करी के बेटे हसन अस्करी को पाकिस्तान के सेना प्रमुख के सेवा विस्तार पर उनकी आलोचना के लिए देशद्रोह के आरोप में दोषी ठहराया.
जानकारी के मुताबिक अस्करी एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं और उन्होंने कथित तौर पर पिछले साल सितंबर में पत्र लिखा था. द न्यूज के अनुसार इस साल जुलाई में एक मुकदमे में अस्करी का प्रतिनिधित्व पाकिस्तान सैन्य अदालत की ओर से नियुक्त एक अधिकारी ने किया था. मुकदमे के दौरान अस्करी के पिता ने शिकायत की कि उन्हें अपने बेटे से मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जो साहीवाल की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है. जनवरी में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले को उठाया था.
रिपोर्ट के मुताबिक मुकदमे और सजा के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी. अपनी याचिका में पिता ने सजा को चुनौती देते हुए कहा कि मुकदमे के दौरान उनके बेटे को उनकी पसंद का वकील नहीं दिया गया. उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि उनके बेटे को रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट कर दिया जाए. हाई कोर्ट याचिका पर अगली सुनावाई कब करेगा इस बारे में कोई जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है.
HIGHLIGHTS
- कमर जावेद बाजवा का इस्तीफा मांगना पड़ा महंगा
- सैन्य अधिकारी के बेटे को देशद्रोह के आरोप में जेल