फिलीपीन की राजधानी मनीला में आसियान देशों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो गई है। ट्रंप से मुलाकात के बाद पीएम ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी पुराने और मजबूत हैं।
मोदी ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। हमारा रिश्ता नई ऊचाइयों को छू रहा है। हम एशिया और मानवता की भलाई के लिए काम करेंगे।'
मोदी ने भारत-अमेरिका संबंध को एशिया के हित में बताते हुए कई मौकों पर भारत की तारीफ के लिए ट्रंप का शुक्रिया भी अदा किया।
पिछले छह महीने में ट्रंप की पीएम मोदी के साथ यह दूसरी मुलाकात है।
आसियान में अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम मोदी की यह बैठक वैसे समय में हो रही है, जब ट्रंप सरकार ने 'एशिया प्रशांत' की जगह 'हिंद प्रशांत' का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
अमेरिका की तरफ से इस शब्द का इस्तेमाल 'एशिया प्रशांत' में भारत की भूमिका को लेकर अमेरिका के बदले नजरिए की तरफ इशारा करता है।
मोदी और ट्रंप की इस अहम बैठक से पहले भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हो चुकी है, जिसमें सुरक्षा सहयोग को लेकर चर्चा की गई।
चारों देशों के इस गठबंधन को 'चतुष्पक्षीय गठबंधन' बताया जा रहा है, जिसका मकसद एशिया प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को कम करना है।
गौरतलब है कि चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रहा है।
भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की पहली बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र और उसके भविष्य को लेकर हुई चर्चा के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मामलों के अधिकारी 12 नवंबर को भारत-प्रशांत क्षेत्र में साझा हित के मुद्दों पर संवाद के लिए मनीला में मिले।'
यह बातचीत आपसी और अन्य भागीदारों के साथ साझा किए जाने वाले बढ़ते संपर्क क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने पर केंद्रित थीं।
मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी बयान के मुताबिक, भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने आतंकवाद की साझा चुनौतियों और संबंधों के प्रसार को लेकर भी विचार विमर्श किया।
एशिया प्रशांत में साझे रणनीतिक हितों को लेकर मनीला में भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की बैठक
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की यह बैठक चीन के 'वन बेल्ट वन रोड' की मुहिम के बाद शुरू हुई है। चीन को रोकने के लिए अमेरिका इस गठबंधन के तहत तीनों देशों को साथ लाने की योजना पर काम कर रहा है। हालांकि अमेरिकी प्रशासन इस बात से इनकार करता रहा है कि उसकी कोई ऐसी योजना है।
हालांकि दक्षिण चीन सागर में चीन की जिस तरह से दखलअंदाजी बढ़ी है, वह अमेरिका को चिंतित कर रहा है।
चीन इस पूरे सागर पर दावा करता है जबकि वियतनाम, फिलीपन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं अमेरिका विवादित दक्षिण और पूर्वी चीन सागर पर चीन के दावे को नहीं मानता है।
गौरतलब है कि मनीला में ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण चीन सागर से जुड़े विवादों की मध्यस्थता की पेश की थी, लेकिन चीन ने उनकी इस पेशकश पर कोई जवाब नहीं दिया।
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HIGHLIGHTS
- आसियान देशों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होगी
- गौरतलब है कि चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रहा है
Source : News Nation Bureau