फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से टेरर फंडिंग (Terror Funding) के आरोप में प्रतिबंधित किए जाने के आसन्न खतरे के बीच पाकिस्तान (Pakistan) के लिए यह खबर वास्तव में उस पर छाते दुर्दिन की आहट करार दी जा सकती है. एशियाई विकास बैंक (Asian Development Report) की एक रिपोर्ट में चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान की जीडीपी (GDP) सबसे कम रहने वाली है. वित्त वर्ष 2019-20 में पाकिस्तान की जीडीपी 2.8 फीसदी रह सकती है. पिछले 6 सालों में यह न्यूनतम स्तर है.
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नेपाल-मालदीव से भी रहेगा पीछे
नवंबर में एफएटीएफ के अंतिम निर्णय से पहले ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बद् से बद्तर होती जा रही है. लगभग कंगाली (Bankruptcy) की कगार पर जा खड़े हुए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) समेत चीन समेत अन्य कई देशों के सामने कटोरा लेकर जा खड़े हुए हैं. ऐसे में आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की स्थिति आने वाले साल में और भी बदतर होने वाली है. आलम यह हैं कि इस साल पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर नेपाल और मालदीव से भी पिछड़ जाएगी.
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एडीबी की रिपोर्ट में दिए गए संकेत
यह संकेत किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के अखबार द न्यूज ने ही दिए हैं. उसमें छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एडीबी (ADB) ने वित्त वर्ष में जारी किए अपने अनुमान में बताया है कि दक्षिण एशियाई (South Asia) देशों में पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर सबसे कम रह सकती है. एडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान (Afghanistan) की जीडीपी विकास दर मौजूदा वित्त वर्ष में 3.4 फीसदी, श्रीलंका (Srilanka) की 3.5 फीसदी, भूटान (Bhutan) की 6 फीसदी, मालदीव (Maldives) और नेपाल (Nepal) की 6.3 फीसदी, भारत (India) की 7.2 फीसदी और बांग्लादेश (Bangladesh) की 8 फीसदी रहने का अनुमान है.
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आम आदमी को नहीं मिलने वाली महंगाई से राहत
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में इस साल आम आदमी को महंगाई (Inflation) से राहत नहीं मिलने वाली है. पाकिस्तानी रुपये की कमजोरी और ज्यादा टैक्स के चलते महंगाई दर 12 फीसदी के आस-पास रहने का अनुमान है. मौजूदा समय में महंगाई 11 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. कृत्रि क्षेत्र (Agriculture Field) में सुधार के बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर तेजी से गिर रही है. इसके साथ ही पाकिस्तान की कमजोर नीतियों की वजह से राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है. स्थिति यह आ पहुंची है कि महंगाई की वजह से पाकिस्तानी मुद्रा पर दबाव बना रहेगा. करेला वह भी नीम चढ़ा की तर्ज पर उसे थोड़ा बहुत विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Reserve) बनाए रखने के लिए भी भारी मात्रा में बाहरी फंडिंग की जरूरत पड़ने वाली है.
HIGHLIGHTS
- दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान की जीडीपी (GDP) सबसे कम रहने वाली है.
- पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर नेपाल और मालदीव से भी पिछड़ जाएगी.
- पाकिस्तान में महंगाई दर 12 फीसदी के आस-पास रहने का अनुमान.