AstraZeneca Covid-19 Vaccine: कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर पिछले दिनों आई खबर ने सभी को चौंका दिया. अब कंपनी ने इस वैक्सीन को वापस लेने का ऐलान किया है. दरअसल, 'कोविशील्ड' बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका (AZN Limited) कहा है कि वह दुनियाभर से अपनी कोरोना वैक्सीन को वापस मंगाएगी. कंपनी के मुताबिक उसने वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. कंपनी ने ये जानकारी मंगलवार (7 मई) को दी. ब्रिटिश-स्वीडिश मूल की मल्टीनेशनल फार्मासूटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने वैक्सीन को वापस लेने से जुड़ी प्रक्रिया शुरू कर दी है. न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने मांग में गिरावट के चलते वैक्सीन को वापस लेने का फैसला किया है.
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बता दें कि इससे पहले एजेडएन लिमिटेड ने बताया था कि वह यूरोप में वैक्सजेवरिया (Vaxzevria) वैक्सीन के मार्केटिंग ऑथराइजेशन को वापस लेने के लिए आगे बढ़ेगी. कंपनी के एक बयान में कहा कि, ".कोरोना महामारी के बाद कई कोविड-19 वैक्सीन बनाई गई. ऐसे में बाजार में अपडेटेड वैक्सीन भी उपलब्ध हैं." एस्ट्राजेनेका ने आगे कहा कि यही वजह है कि उसकी वैक्सजेवरिया वैक्सीन की मांग में कमी देखने को मिल रही है. जिसके चलते कंपनी अब उस वैक्सीन को ना तो बनाएगी और ना ही उसकी सप्लाई की जाएगी.
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AstraZeneca said it had initiated the worldwide withdrawal of its COVID-19 vaccine due to a 'surplus of available updated vaccines' since the pandemic, reports Reuters
— ANI (@ANI) May 8, 2024
अदालत में किया था ब्लड क्लॉटिंग का कबूलनामा
बता दें कि कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने ये कदम तब उठाया जब कुछ दिन पहले ही एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालती दस्तावेजों में ये बात स्वीकार की कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित उसकी वैक्सीन दुर्लभ और गंभीर ब्लड क्लॉट का खतरा पैदा कर सकता है. हालांकि, वैक्सीन में गड़बड़ होने की खबरों के बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि वैक्सीन के फायदे अधिक और नुकसान बेहद कम हैं. इसलिए कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. यही नहीं एक्सपर्ट्स ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित है और जिसे साइड इफेक्ट होने थे, वो वैक्सीन लगने के बाद हो गए होंगे.
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भारत में कोविशील्ड से लगी कोरोना वैक्सीन
बता दें कि भारत में एट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है. जबकि यूरोपीय देशों में इस वैक्सीन को वैक्सजेवरिया के नाम से बेचा गया था. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन वायरल वेक्टर वैक्सीन है, जिसे संशोधित चिंपैंजी एडेनोवायरस के इस्तेमाल के जरिए तैयार किया गया था. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ पार्टनरशिप में भारत में निर्मित और बेची जाने वाली कोविशील्ड को देश में लगभग 90 फीसदी आबादी तक पहुंचाया गया.
HIGHLIGHTS
- अब नहीं मिलेगी कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड
- दुनियाभर से वापस मंगा रही एस्ट्राजेनेका
- ब्लड क्लॉटिंग के कबूलनामे के बाद लिया फैसला