ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता कानून में बड़े बदलाव, भारतीयों के लिए बढ़ी मुश्कलें

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता पाने की चाहत रखने वाले लोगों को अंग्रेजी भाषा पर पकड़ तथा 'ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों' को प्रदर्शित करने की क्षमता को लेकर कड़ी परीक्षा देनी पड़ेगी।

author-image
vineet kumar
एडिट
New Update
ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता कानून में बड़े बदलाव, भारतीयों के लिए बढ़ी मुश्कलें

मैल्कम टर्नबुल (बाएं- फाइल फोटो)

Advertisment

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रप प्रशासन की ओर से एच1बी वीजा संबंधित नियमों में संशोधन की चर्चा के बीच ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नागरिकता कानून में कई बड़े बदलाव करने की घोषणा की है।

माना जा रहा है कि इससे विदेशी नागरिकों के ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता प्राप्त करने की डगर कठिन हो गई है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने इन बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता पाने की चाहत रखने वाले लोगों को अंग्रेजी भाषा पर पकड़ तथा 'ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों' को प्रदर्शित करने की क्षमता को लेकर कड़ी परीक्षा देनी पड़ेगी।

9न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू की रिपोर्ट के मुताबिक, नागरिकता कानून में बदलावों को टर्नबुल ने गुरुवार को पेश किया। बदलाव के तहत, आवेदकों को नागरिकता प्रदान करने से पहले उनकी प्रतीक्षा अवधि को बढ़ाया गया है।

आवेदक को स्थायी नागरिक के रूप में ऑस्ट्रेलिया में कम से कम चार वर्षो तक रहना होगा। नागरिकता के लिए होने वाली परीक्षा में तीन बार फेल होने पर उसे नागरिकता नहीं दी जाएगी।

वर्तमान में नागरिकता के लिए पात्र व्यक्ति कई बार परीक्षा दे सकता है, जबकि अब मात्र तीन बार ही दे सकेगा। टर्नबुल ने कहा कि यह बदलाव सुनिश्चित करेंगे कि प्रवासी, ऑस्ट्रेलियाई समुदाय में अच्छी तरह से घुल-मिल सकें।

उन्होंने कहा, 'यह अहम है कि वे यह बात समझें कि वे ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों के प्रति कटिबद्धता जता रहे हैं।'

यह भी पढ़ें: पनामा पेपर मामला: शरीफ को राहत, अयोग्य ठहराने लायक सबूत नहीं मिले

वर्तमान नागरिकता परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई कानून के बारे में आवेदक के ज्ञान, झंडा तथा राष्ट्रीय प्रतीक से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

टर्नबुल ने कहा कि यह परीक्षा यह सुनिश्चित करने के लिए काफी नहीं है कि एक आवेदक 'ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों' तथा जिम्मेदारियों के प्रति कटिबद्ध है और उसकी पूरी समझ रखता है।

'ऑस्ट्रेलिया मूल्यों' की व्याख्या करते हुए टर्नबुल ने कहा कि प्रवासियों को धार्मिक स्वतंत्रता तथा लैंगिक समानता के प्रति समर्थन दर्शाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए 6 करार, आतंकवाद और शिक्षा पर रहा जोर, पीएम ने दी कोहली-स्मिथ की मिसाल

रिपोर्ट के मुताबिक, भावी नागरिकों के लिए जिस परीक्षा में पास होना अनिवार्य होगा, वह महिलाओं व बच्चों के प्रति आदर पर केंद्रित होगा। इसमें कथित तौर पर बाल विवाह, महिलाओं का खतना तथा घरेलू हिंसा से संबंधित सवाल भी पूछे जा सकते हैं।

टर्नबुल ने पूछा, 'अगर हमारा मानना है कि महिलाओं व बच्चों का आदर करें और हिंसा को ना कहें..यह ऑस्ट्रेलियाई मूल्य है, तो फिर इन्हें मूल हिस्सा क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए..ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बनने की प्रक्रिया में?'

नागरिकता कानून में बदलाव की घोषणा टर्नबुल द्वारा 457 अस्थाई विदेशी कामगार वीजा व्यवस्था के पुनर्गठन के दो दिनों बाद आई है।

ऑस्ट्रेलिया ने अस्थायी विदेशी कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए जा रहे वीजा कार्यक्रम को 18 अप्रैल को समाप्त कर दिया। इन कर्मचारियों में ज्यादातर भारतीय हैं। इस कार्यक्रम को 457 वीजा के नाम से जाना जाता है। इस कार्यक्रम की जगह अब नया 'ऑस्ट्रेलिया' फर्स्ट वीजा लेगा।

यह भी पढ़ें: IPL 2017: क्रिस गेल के बाद अब ये 5 बल्लेबाज़ बन सकते हैं T20 क्रिकेट में 'दसहजारी'

HIGHLIGHTS

  • नए नागरिकता नियमों के तहत अंग्रेजी भाषा पर होनी चाहिए अच्छी पकड़
  • 'ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों' को प्रदर्शित करने की क्षमता को लेकर होगी परीक्षा
  • नागरिकता के लिए आवेदक को ऑस्ट्रेलिया में कम से कम चार वर्षो तक रहना होगा

Source : IANS

australia Donald Trump Citizenship Law Malcolm Turnbull
Advertisment
Advertisment
Advertisment