कोरोना वायरस (Coronavirus) ने बीते दो वर्षों में विश्वभर में बड़ी तबाही मचा दी है. अब भी कोविड-19 (Covid-19) का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. इसकी बड़ी वजह है ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का सब वेरिएंट है. वहीं कुछ देशों में सब वेरिएंट BA.2 संक्रमण बढ़ रहा है. ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के बाद ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने BA.2 को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा था. ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल तीन सब वेरिएंट BA.1, BA.2 और BA.3 हैं. इनमें BA.2 को सबसे अधिक पेचीदा वेरिएंट बताया गया है. इसकी पहचान आसानी से करना कठिन है.
दरअसल BA.1 की पुष्टि टेस्टिंग के जरिए हो रही है लेकिन BA.2 और BA.3 का पता लगाने के लिए सिर्फ जिनोम सिक्वेंसिग की मदद लेनी पड़ रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में मौजूद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में 86 फीसदी BA.2 सब वेरिएंट की वजह से हैं. यह सब वेरिएंट BA.1 और BA.1.1 की तुलना में अधिक संक्रामक है.
हालांकि यह सब वेरिएंट अब तक गंभीर बीमारी का कारण नहीं है. वहीं मौजूदा कोरोना वैक्सीन इस सब वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है. BA.2 की वजह से चीन और यूरोपीय देशों, खासकर यूके व जर्मनी में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं. वहीं अमेरिका में इस सब वेरिएंट के कारण की वजह से कोरोना महामारी की नई लहर आने की आशंका है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते हफ्ते ब्रिटेन में लगभग 40 लाख लोग संक्रमित हुए हैं. वहीं जर्मनी में रिकॉर्ड 2,96,498 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं. हालांकि, हांगकांग में अब स्थिति में सुधार नजर आ रहा है. वहीं चीन का शंघाई इस समय सब वेरिएंट का हॉटस्पॉट बना हुआ है.
HIGHLIGHTS
- कुछ देशों में सब वेरिएंट BA.2 संक्रमण बढ़ रहा है
- इसकी पहचान आसानी से करना कठिन है